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गुना जिला अस्पताल में अब मरीजों को नही लगाना पड़ेगा ऑक्सीजन सिलेंडर

locationगुनाPublished: Jun 14, 2020 07:45:31 pm

Submitted by:

Narendra Kushwah

12 लाख की लागत से पूरे अस्पताल में स्थापित हुआ ऑक्सीजन सप्लाई का सेंट्रलाइज सिस्टमप्रत्येक वार्ड में पलंग पर ही मरीज के लिये उपलब्ध रहेगा अलग से पॉइंटसिलेंडर को फस्र्ट फ्लोर पर ले जाने स्टाफ को आती थी परेशानीकोरोना के गंभीर मरीज के इलाज में मिलेगी मदद

गुना जिला अस्पताल में अब मरीजों को नही लगाना पड़ेगा ऑक्सीजन सिलेंडर

गुना जिला अस्पताल में अब मरीजों को नही लगाना पड़ेगा ऑक्सीजन सिलेंडर

गुना. जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने महत्वपूर्ण पहल की है। जिसके तहत अब किसी भी मरीज को ऑक्सीजन लगाने में स्टाफ को ज्यादा परेशान होने की जरुरत नहीं पड़ेगी। मरीज को पलंग पर लिटाते ही तत्काल ऑक्सीजन दी जा सकेगी। इस नई व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 12 लाख रुपए की राशि खर्च कर रहा है। अब तक लगभग सभी वार्डों में ऑक्सीजन सप्लाई के प्वाइंट लगाए जा चुके हैं। अब सिर्फ नए बन रहे आईसीयू वार्ड में कनेक्शन किया जाना शेष है। यहां बताना होगा कोविड-19 संक्रमण के दौरान ऑक्सीजन सप्लाई का यह सेंट्रालाइज सिस्टम कोरोना मरीजों के इलाज में बेहद कारगर साबित होगा। क्योंकि कोरोना के गंभीर मरीज को ऑक्सीजन की सबसे पहले जरूरत होती है।
जानकारी के मुताबिक शासन ने जिला अस्पताल को 400 बिस्तरीय क्षमता का अस्पताल तो काफी साल पहले बना दिया है। लेकिन हिसाब से आज तक न तो डॉक्टर्स की व्यवस्था हो सकी है और न ही ही अन्य जरूरी सुविधाओं की। यही कारण है यहां आने वाले मरीजों को बीमारी के लिहाज से समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। इन्हीं सुविधाओं में से एक है गंभीर मरीजों को तत्काल ऑक्सीजन की सुविधा प्रदान करना। जिसके लिए अब मरीज व स्टाफ को परेशान नहीं होना पड़ेगा। शासन ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए सेंट्रलाइज सिस्टम स्थापित करा दिया है। यह पूरा कार्य पीडब्ल्यूडी के माध्यम से कराया जा रहा है। पीडब्यूडी ने इस काम के लिए इमरजेंसी गैस सर्विस नामक कंपनी को सौंपा है। कंपनी के कॉटेक्टर मजहर खान ने बताया कि यह पूरा प्रोजेक्ट करीब 12 लाख रुपए का है। जिसके माध्यम से जिला अस्पताल के लगभग सभी वार्डों में कुल 60 कनेक्शन देना है। इस समय प्रोजेक्ट अंतिम चरण में है। अस्पताल प्रबंधन ने हमें अलग-अलग वार्डों में कनेक्शन करने की जो सूची सौंपी थी उसके तहत हमने सभी बैड पर प्वाइंट लगा दिए हैं। अब सिर्फ डीईआईसी भवन की फस्र्ट फ्लोर पर बन रहे नए आईसीयू में कनेक्शन देना शेष है।

अभी यह आ रही थी परेशानी
जिला अस्पताल के किसी भी वार्ड में भर्ती होने वाले मरीज को यदि सांस लेने मेें तकलीफ है तो उसे ऑक्सीजन देने के लिए स्टोर रूम से ऑक्सीजन सिलेंडर वार्ड तक लाना पड़ता था। इस पूरी प्रक्रिया में कई बार काफी देर भी हो जाती थी, ऐसे में मरीज की जान जाने का खतरा बहुत था। कई मामले ऐसे भी सामने आ चुके हैं जब या तो आक्सीजन सिलेंडर खाली निकला या फिर वह तत्काल मरीज को नहीं लगाया जा सका। आमतौर पर जिला अस्पताल में सिर्फ मेडिकल व आईसीयू में ही ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता रहती थी। लेकिन अब एडवांस चिकित्सा व्यवस्था के तहत अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में पलंग पर ही ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था रहेगी। हॉस्पिटल में एसएनसीयू वार्ड के पास ऑक्सीजन सप्लाई का सेंट्रल प्वाइंट बनाया गया है। जहां एक साथ आठ सिलेंडर सप्लाई लाइन से जुड़े रहेंगे। इसी स्थान पर पूरे सिलेंडर का स्टॉक रहेगा।

इन वार्डों में दी गई है ऑक्सीजन सप्लाई
मेडिकल वार्ड, आईसीयू, एसएनसीयू, सर्जिकल वार्ड, मेटरनिटी वार्ड, पीआईसीयू, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, सर्जिकल वार्ड, ट्रॉमा केयर सेंटर, डायलिसिस यूनिट में ऑक्सीजन सप्लाई के कुल 60 प्वाइंट लगाए गए हैं।

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