बैठक में ओम गोयल ने कहा कि कोलारस विधानसभा में बड़े गांव बदरवास, लुकवासा, बिजरौनी, खतौरा, रन्नौद व खरई तेंदुआ में कहीं भी सार्वजनिक सुविधा के लिए टॉयलेट नहीं है।
जनप्रतिनिधि है चुप
कोलारस व बदरवास में दोनों जगह बस स्टैंड व शौचालय नहीं है। प्रधानमंत्री सड़कें भी गुणवत्ताविहीन बनाई गईं, लेकिन जनप्रतिनिधि चुप हैं। चेंजमेकर गोविंद अवस्थी ने कहा कि कोलारस विधानसभा का बदरवास सबसे बड़ा मुख्यालय है,
अस्पताल तो है,लेकिन डॉक्टर नहीं
यहां पर एसडीएम, एसडीओपी की पदस्थापना की जानी चाहिए। अच्छे स्कूल भवन बनाए जाकर स्टाफ की कमी को दूर किया जाना चाहिए। बड़े कस्बों में अस्पताल तो हैं, तो लेकिन वहां डॉक्टर नहीं हैं। वर्तमान विधायक ने भी इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री से कोई चर्चा नहीं की।
नदी पर बनाया जाए पुल
मनीष बैरागी ने कहा कि बदरवास में हर साल 4 हजार रजिस्ट्री होती हैं, लेकिन उसके लिए कोलारस जाना पड़ता है। अब तो कोलारस में भी बंद हो गईं तो शिवपुरी जाना पड़ता है। कपिल परिहार ने कहा कोलारस विधानसभा में जितने भी स्कूल हैं, उनमें कही तो अधिक शिक्षक हैं तो कहीं अतिथियों के भरोसे हैं। नियमानुसार 40 पर एक शिक्षक किया जाए। दीपक शर्मा ने कहा कि कूनो नदी पर पुल बनाया जाए जिससे मप्र व राजस्थान का जुड़ाव होगा, जिससे व्यापार के आसार बढ़ेंगे।
हेल्पलाइन पर शिकायत तो होती हैं, लेकिन निराकरण नहीं
सुमित यादव बोले कि उपचुनाव में प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने जो घोषणाएं की थीं, यदि उन्हें धरातल पर उतारा जाए तो कोलारस विधानसभा आदर्श होगी। राजेंद्र ग्वाल ने कहा कि तहसीलदार बदरवास को वित्तीय पॉवर दिए जाएं, ताकि आमजन की समस्याओं का निराकरण होगा, क्योंकि अभी तक फाइल कोलारस जाती हैं।
रंजीत दुबे ने कहा कि कोलारस एवं बदरवास में कोई भी ऐसा पार्क नहीं बनाया गया, जहां लोग सुकून के दो पल गुजार सकें तथा बुजुर्ग घूम सकें। ललित शर्मा बोले कि कोलारस व बदरवास में खेल मैदान नहीं है, जिसके चलते ग्रामीण खेल प्रतिभाएं नहीं निकल पा रहीं। अमरदीप शर्मा ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत तो होती हैं, लेकिन उनका निराकरण नहीं होता, जबकि शिकायतें आमजन से जुड़ी होती हैं।