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इंतजार करते रहे जनप्रतिनिधि, समय पर नहीं पहुंचे कलेक्टर

locationगुनाPublished: Jul 21, 2018 11:56:07 am

नई बसों का संचालन शुरू हुआ नहीं, पुरानी को चलाना भी कठिन हो रहा है। जिसके चलते शुक्रवार को कलेक्टर विजय दत्ता ने सिटी बस संबंधी बैठक बुलाई थी।

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इंतजार करते रहे जनप्रतिनिधि, समय पर नहीं पहुंचे कलेक्टर

गुना. अमृत योजना के तहत जिला मुख्यालय पर शुरू की गई सिटी बस सेवा का संचालन एक माह बाद भी पटरी पर नहीं आ सका है। नई बसों का संचालन तो शुरू हुआ नहीं, पुरानी को चलाना भी कठिन हो रहा है। जिससे बस ऑपरेटर भी परेशान हैं। जिसके चलते शुक्रवार को कलेक्टर विजय दत्ता ने सिटी बस संबंधी बैठक बुलाई थी।
बैठक का समय दोपहर १२ बजे का दिया गया था। जिसमें नपाध्यक्ष राजेन्द्र सलूजा, सीएमओ सहित बस संचालक व स्टाफ कलेक्ट्रेट पहुंचे। लेकिन उन्हें करीब दो घंटे तक कलेक्टर का इंतजार करना पड़ा। तब जाकर बैठक शुरू हुई। इस दौरान सभी लोग बाहर लगी कुर्सियों पर बैठकर इंतजार करते नजर आए। उल्लेखनीय है कि सिटी बस सेवा का शुभारंभ २३ जून को ई लोकार्पण के माध्यम से ६ बसों के साथ किया गया था। इसके साथ ही जुलाई माह तक १५ से २० बसें संचालित करने की बात कही गई थी। लेकिन अभी तक बसें सडक़ों से नदारद हैं। इसके बाद केवल दो ही बसें और बढ़ी हैं।
जज्जी बस स्टेंड पर कब्जा
सिटी बसों के संचालन के लिए जज्जी बस स्टेंड के आधे हिस्से पर सिटी बस का स्टेंड बनाया गया था। कुछ दिन तक तो यह व्यवस्था बनी रही, लेकिन फिर सामान्य बसों का स्टाफ सिटी बस स्टेंड पर कब्जा जमाने लगा। सामान्य बसों को भी वहीं खड़ा किया जा रहा है। जिसके कारण सिटी बस व सामान्य बस के स्टाफ के बीच बार-बार टकराव की स्थिति बन रही है। इस पर भी नगर पालिका का नियंत्रण नहीं है।
नई बसों के लिए नहीं मिल रहा परमिट
नई बसों के लिए परमिट जारी न होने और रजिस्ट्रेशन की समस्या है। जिसकी वजह से दिक्कत आ रही है। बस संचालक विनोद सूद कमला बस ने बताया कि उनकी तरफ से आवेदन कर दिए गए हैं। लेकिन जिस मॉडल की बसें उन्होंने दी हैं, वे रजिस्टर नहीं हो पा रही हैं और न ही नई बसों के लिए अभी तक परमिट मिला है। जिसके कारण नई बसें अभी नहीं आ पाई हैं। उनके अलावा १४ बसों का ठेका एसके जैन को भी दिया गया है, लेकिन उनकी बसें भी अभी तक नहीं आई हैं।

शहर में अन्य जगहों पर नहीं हैं बस स्टैंड
आनन-फानन में ई लोकार्पण के माध्यम से पीएम ने इंदौर से इनका लोकार्पण किया था। तब जज्जी बस स्टेंड का ही निर्माण अधूरा था। इसके साथ अन्य जगहों पर अलग से स्टेंड नहीं बने थे। एक माह बाद भी सिटी बस को अन्य कहीं स्टेंड नहीं मिला है। सामान्य बस स्टेंड पर बसें खड़ी करना उनके लिए लोहे के चने चबाने की तरह है। यहां भी सामान्य बस का स्टाफ से आए दिन विवाद हो रहा है। सबसे अधिक समस्या कुंभराज में आ रही है। बैठक में कलेक्टर ने इस समस्या को देखने के निर्देश दिए हैं। ताकि सिटी बस के स्टाफ और सामान्य बसों के स्टाफ के बीच टकराव की स्थिति न बने।

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