सिटी बसों के संचालन के लिए जज्जी बस स्टेंड के आधे हिस्से पर सिटी बस का स्टेंड बनाया गया था। कुछ दिन तक तो यह व्यवस्था बनी रही, लेकिन फिर सामान्य बसों का स्टाफ सिटी बस स्टेंड पर कब्जा जमाने लगा। सामान्य बसों को भी वहीं खड़ा किया जा रहा है। जिसके कारण सिटी बस व सामान्य बस के स्टाफ के बीच बार-बार टकराव की स्थिति बन रही है। इस पर भी नगर पालिका का नियंत्रण नहीं है।
नई बसों के लिए परमिट जारी न होने और रजिस्ट्रेशन की समस्या है। जिसकी वजह से दिक्कत आ रही है। बस संचालक विनोद सूद कमला बस ने बताया कि उनकी तरफ से आवेदन कर दिए गए हैं। लेकिन जिस मॉडल की बसें उन्होंने दी हैं, वे रजिस्टर नहीं हो पा रही हैं और न ही नई बसों के लिए अभी तक परमिट मिला है। जिसके कारण नई बसें अभी नहीं आ पाई हैं। उनके अलावा १४ बसों का ठेका एसके जैन को भी दिया गया है, लेकिन उनकी बसें भी अभी तक नहीं आई हैं।
आनन-फानन में ई लोकार्पण के माध्यम से पीएम ने इंदौर से इनका लोकार्पण किया था। तब जज्जी बस स्टेंड का ही निर्माण अधूरा था। इसके साथ अन्य जगहों पर अलग से स्टेंड नहीं बने थे। एक माह बाद भी सिटी बस को अन्य कहीं स्टेंड नहीं मिला है। सामान्य बस स्टेंड पर बसें खड़ी करना उनके लिए लोहे के चने चबाने की तरह है। यहां भी सामान्य बस का स्टाफ से आए दिन विवाद हो रहा है। सबसे अधिक समस्या कुंभराज में आ रही है। बैठक में कलेक्टर ने इस समस्या को देखने के निर्देश दिए हैं। ताकि सिटी बस के स्टाफ और सामान्य बसों के स्टाफ के बीच टकराव की स्थिति न बने।