इसके बावजूद आज तक एक भी खंभा नहीं हट सका है और न ही ट्रांसफार्मर व विद्युत लाइन को शिफ्ट किया गया है। इसकी वजह से बीती शाम एक हादसा भी होते-होते बच गया। जब खंभे को बचाने के फेर में एक वाहन चालक डिवाइडर से भिड़ गया। गौर करने वाली बात है कि सड़क चौड़ीकरण के बाद यह विद्युत खंभे मार्ग के बीच में आ गए हंै। जो अब गंभीर दुर्घटना का कारण बनने लगे हैं। शुक्र-शनिवार की रात एक ट्रक नानाखेड़ी क्षेत्र में विद्युत खंभे से टकरा गया। घटना का सुखद पहलु रहा कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि विद्युत खंभा व लाइन को क्षति पहुंची है। जानकारी के मुताबिक शहर से गुजरे आगरा-मुंबई रोड पर बढ़ते ट्रेफिक की वजह से नगरीय इलाके में नानाखेड़ी से हनुमान चौराहा तथा जज्जी बस स्टैंड से बजरंगगढ़ बायपास तक लाखों रुपए की लागत से चौड़ीकरण किया गया है। यही नहीं अभी भी डिवाइडर बनाने का काम जारी है। लेकिन सबसे जरूरी चीज विद्युत खंभे, लाइन व ट्रांसफार्मर अभी तक नहीं हटाए गए हैं। जबकि सड़क चौड़ीकरण कार्य को करीब एक साल हो चुका है।
विद्युत लाइन के बीच अतिक्रमण ने बढ़ाई परेशानी
वाहन चालकों को जिस समस्या से निजात दिलाने के लिए शासन ने लाखों रुपए खर्च कर सड़क चौड़ीकरण करवाया फिर भी वह समस्या आज भी बनी हुई है। क्योंकि सड़क चौड़ीकरण के बाद न तो विद्युत लाइन शिफ्ट हो सकी। वहीं चौड़ीकरण के बाद अतिक्रमण और अधिक बढ़ गया। लोगों ने सड़क किनारे बनी नाली के ऊपर गुमठी रखी ली तथा कुछ लोगों ने बिल्ंिडग मटेरियल की सामग्री के फड़ लगा लिए। जिससे मार्ग संकरा हो गया तथा विद्युत खंभे भी सड़क के बीच में आ गए। ऐसे में वाहन चालकों को अपनी साइड में वाहन चालाना काफी खतरनाक हो गया है। उन्हें एक तरफ विद्युत खंभों को बचाना है तो दूसरी तरफ डिवाइर का भी ध्यान रखना है। ऐसी विकट स्थिति में इस मार्ग पर वाहन चलाना बेहद खतरनाक होता जा रहा है।
अपनी जिम्मेदारी के प्रति नगर पालिका परिषद गंभीर नहीं
नानाखेड़ी से हनुमान चौराहा तथा जज्जी बस स्टेंड से बजरंगगढ़ बायपास मार्ग तक विद्युत लाइन को शिफ्ट करने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है लेकिन वह इसके प्रति कतई गंभीर नजर नहीं आ रही है। क्योंकि सड़क चौड़ीकरण कार्य की शुरूआत से लेकर अब तक नपा कई बार विद्युत कंपनी से लाइन शिफ्टिंग की बात कहकर कई घंटों तक बिजली कटौती करवा चुकी है। लेकिन इतने लंबे समय में एक भी खंभा नहीं हट सका है। हादसों की आशंका भी निरंतर बढ़ती जा रही है, लेकिन सतर्कता नहीं बरती जा रही है।