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शुरु हुई सियासत
मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जहां एक तरफ इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरा है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी भाजपा और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। दूसरी तरफ, भाजपा की ओर से सफाई देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जवाब दिया कि, सरकार ने इस मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए गुना के कलेक्टर और एसपी को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दे दिया है। तो वहीं, एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घटना में चूक करने वाले अधिकारियों का दोषी पूर्व की कांग्रेस सरकार को ही बता दिया। तो वहीं, पूर्व सीएम कमलनाथ ने अधिकारियों को हटाए जाने को भी सियासत बताया। किसान परिवार के साथ हुई बर्बरता पर राजनीतिक पार्टियां किस तरह एक दूसरे पर हमलावर हैं, आइये जानें…।
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‘हमारी लड़ाई इसी सोच के खिलाफ’- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को इस घटना का वीडियो अपने ट्वीटर हेंडल पर साझा करते हुए लिखा, ‘हमारी लड़ाई इसी सोच और अन्याय के खिलाफ है।’ उसका ये स्टेटमेंट सीधे तौर पर प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था और सोच पर हमला करता है। वहीं, दूसरी तरफ मध्य प्रदेश कांग्रेस भी इस मुद्दे को भुनाने के प्रयास में लगी हुई है।
गृह मंत्री ने पूर्व की सरकार पर ही मढ़ दिया सारा दोष
वार हुआ था, तो पलटवार भी स्वभाविक था। राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब देते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घटना को लेकर उन्हीं पर हमला बोल दिया। नरोत्तम ने कहा कि, जब मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, तब अधिकारियों को प्रीपेड प्रणाली के तहत तैनात किया गया था। ऐसे अधिकारियों के समय समस्याएं थीं। जैसे ही हमें घटना का पता चला, हमने कलेक्टर और एसपी को हटा दिया।
मायावति ने दलित परिवार से बर्बरता पर कांग्रेस-भाजपा को घेरा
अभी कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला थमा भी नहीं था कि, दूसरी तरफ बसपा सुप्रीमो मायावती भी दलित परिवार के साथ हुई बर्बरता को लेकर मैदान में आ गईं। उन्होंने एक के बाद एक लगातार दो ट्वीट करते हुए भाजपा और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। अपने पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, ‘मध्यप्रदेश के गुना पुलिस व प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के नाम पर दलित परिवार को कर्ज लेकर तैयार की गई फसल को जेसीबी मशीन से बर्बाद करके उस दंपति को आत्महत्या का प्रयास करने को मजबूर कर देना अति-क्रूर व अति-शर्मनाक है। इस घटना की देशव्यापी निंदा स्वाभाविक है। सरकार सख्त कार्रवाई करे।’
एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा, ‘एक तरफ भाजपा व इनकी सरकार दलितों को बसाने का ढिंढोरा पीटती है जबकि दूसरी तरफ उनको उजाड़ने की घटनाएं उसी तरह से आम हैं, जिस प्रकार से पहले कांग्रेस पार्टी के शासन में हुआ करती थी, तो फिर दोनों सरकारों में क्या अंतर है? खासकर दलितों को इस बारे में भी जरूर सोचना चाहिए।’
सिंधिया ने दी सफाई
राहुल गांधी और मायावती द्वारा लगाए आरोपों पर सफाई देते हुए भाजपा के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, गुना के कलेक्टर और एसपी को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘गुना की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुना के कलेक्टर और एसपी को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दे दिए है।’
कमलनाथ ने कहा- ये तबादला नहीं दिखावा है
बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा दी गई सफाई पर पलटवार करते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सबसे पहले तो गुना मामले को बेहद विचलित कर देने वाली घटना बताया। इसके बाद उन्होंने कहा कि, अधिकारियों का तबादला करना किसी काम का नहीं है, ये सिर्फ दिखावे के लिए किया गया है। जिन अधिकारियों को हटाया गया है, कल उन्हें किसी अच्छी जगह फिर से तैनात कर दिया जाएगा।
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किसान परिवार के साथ हुई बर्बरता का ये है पूरा मामला
गुना में बन रहे मॉडल कॉलेज के निर्माण के लिए शासकीय कॉलेज प्रबंधन को जगनपुर चक क्षेत्र में 20 बीघा जमीन आवंटित की थी। जमीन काफी लंबे समय से गब्बू पारदी नामक व्यक्ति के कब्जे में थी। कुछ समय पहले राजस्व और पुलिस की टीम ने मिलकर अतिक्रमण हटवा दिया था। हालांकि, विभागीय सुस्ती और लापरवाही के चलते अतिक्रमण हटए जाने वाली जमीन पर लंबे समय तक निर्माण नहीं किया गया। इसकी वजह से अतिक्रमणकारियों ने दोबारा जमीन को घेरना शुरू दिया था। वहीं, जब दलित दंपति को यहां से हटाया गया। इस दौरान उनके साथ मारपीट भी की गई, मारपीट से आहत होकर मुहिम के विरोध में आए दंपत्ति ने कीटनाशक पी लिया। इसके बाद पुलिस द्वारा दंपति को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिलहाल उनकी हालत में सुधार है।