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छमाही परीक्षा के खराब परिणाम ने विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों की चिंता बढ़ाई

locationगुनाPublished: Feb 28, 2021 01:18:22 pm

Submitted by:

Narendra Kushwah

– कम समय में कैसे पूरा करें कोर्स, अध्ययन में बच्चों को आ रही परेशानी- अच्छे परिणाम को लेकर शिक्षकों पर पहले से ही है दबाव

छमाही परीक्षा के खराब परिणाम ने विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों की चिंता बढ़ाई

छमाही परीक्षा के खराब परिणाम ने विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों की चिंता बढ़ाई

गुना. अद्र्ध वार्षिक परीक्षा परिणाम ने जिले के विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को चिंता में डाल दिया है। क्योंकि परीक्षा परिणाम 50 प्रतिशत से भी कम रहा है। सबसे ज्यादा निराशाजनक प्रदर्शन हाई स्कूल के विद्यार्थियों का रहा है। ऐसे में एक ओर जहां विद्यार्थियों पर कम समय में पढ़ाई को रिकवर करने का दबाव है तो वहीं शिक्षकों पर खराब रिजलट रहने पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। हाल ही में डीईओ ने समीक्षा बैठक के दौरान जिले के सभी शिक्षकों को चेतावनी देते हुए फरमान जारी किया है कि यदि वार्षिक परीक्षा का रिजल्ट 80 प्रतिशत से कम रहा तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण काल से धीरे-धीरे अन्य सेक्टर तो पटरी पर आ गए हैं। लेकिन शिक्षण व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। जिसका उदाहरण हाल ही में आयोजित परीक्षाओं का खराब परिणाम है। इसे लेकर शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों का एक ही तर्क है कि नियमित कक्षाएं न लगना। जो कक्षाएं लगी भी हैं तो वह काफी कम समय के लिए। इन कक्षाओं मेंं भी अधिकांश विद्यार्थी अलग-अलग कारणों के चलते उपस्थित नहीं हो पाए थे। वहीं शिक्षकों का तर्क है कि जो ऑनलाइन क्लासेस लंबे समय तक चली उससे विद्यार्थियों का कोई खास फायदा नहीं हुआ है। अधिकांश बच्चे ऐेसे हैं जिन्होंने स्मार्ट मोबाइल व डेटा न होने की वजह से इन क्लासों को अटैंड ही नहीं किया। वहीं जिन्होंने यह क्लासेस अटैंड भी की तो उन्हें ज्यादा कुछ समझ नहीं आया। सरकारी स्कूल में पढऩे वाले अधिकांश बच्चे ऐसे हैं जो गांव से शहर में किराए के मकान में व हॉस्टल में रहकर पढ़ते थे। ऐसे बच्चे पढ़ाई से पूरी तरह से दूर हो गए थे। यही सब कारण रहे कि छमाही परीक्षा का परिणाम 50 प्रतिशत से भी कम रहा। यही नहीं परीक्षा के दौरान भी अनुपस्थित रहे विद्यार्थियों की संख्या काफी अधिक रही है।

80 प्रतिशत से कम रिजल्ट तो कटेगा वेतन
छमाही परीक्षा परिणाम 50 प्रतिशत से कम सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने सख्त तेवर अपना लिए हैं। डीईओ ने जिले के शिक्षकों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि यदि हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी की वार्षिक परीक्षा का रिजल्ट यदि 80 प्रतिशत से कम रहा तो कार्रवाई की गाज उन पर ही गिरेगी। सबसे पहले तो खराब रिजल्ट वाले स्कूलों को नोटिस दिए जाएंगे वहीं संबंधित शिक्षकों पर वेतन काटने की कार्रवाई की जाएगी।

फैक्ट फाइल
हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम : 45 प्रतिशत
हायर सेकेंडरी का परीक्षा परिणाम : 49 प्रतिशत
10 वीं की वार्षिक परीक्षाएं : 30 अप्रैल से 15 मई तक
12 वीं की वार्षिक परीक्षाएं : 01 मई से 18 मई तक

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