पैसे के अभाव में अटका प्रधानमंत्री आवास योजना प्रोजेक्ट
18 महीने का प्रोजेक्ट 4० महीने में भी पूरा नहीं, मांगने पर भी नहीं मिल रहे हैं 14 करोड़

गुना। प्रधानमंत्री आवास योजना प्रोजेक्ट जिसको 18 माह में पूरा होना था, जो 4० माह बाद भी पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। इसकी वजह संबंधित ठेका कंपनी को काम करने के बाद भी पैसा न मिलना है। पैसे के अभाव में उस प्रोजेक्ट के तहत न तो फ्लेट्स बन पा रहे हैं और न ही गरीबों के लिए आवास। राज्य शासन को नगर पालिका इस प्रोजेक्ट के तहत कई बार पैसा मांग चुकी है, लेकिन पैसा न मिलने से यह प्रोजेक्ट अधर में लटकता नजर आ रहा है। चालीस माह बाद भी यह प्रोजेक्ट 5० प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है।
सन् 2०17 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए मकान बनाने एवं सस्ती दरों पर एमआईजी और एलआईजी फ्लेट्स बनाने का प्रोजेक्ट गुना के लिए स्वीकृत हुआ था। तत्कालीन प्रभारी मंत्री जयभान सिंह पवैया ने इस प्रोजेक्ट को जल्द शुरू कराने के लिए अपने स्तर पर कार्रवाई कराई। जगनपुर चक पर इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए जमीन चिन्हित कराई। तत्कालीन कलेक्टर राजेश जैन ने इस प्रोजेक्ट के लिए 9 हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी। यह प्रोजेक्ट टेण्डर प्रक्रिया के जरिए लिसा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को मिला था। इसकी लागत लगभग 162 करोड़ रुपए रखी गई थी। यह प्रोजेक्ट 18 माह में पूरा किए जाने का संबंधित ठेका कंपनी और राज्य शासन के बीच अनुबंध हुआ था।
समय पर नहीं मिला पैसा
बताया जाता है कि संबंधित ठेका कंपनी अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जाने वाले मकानों के निर्माण पर लगभग 27 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। इस राशि में से ठेका कंपनी को लगभग 14 करोड़ रुपए शासन से लेना है। इसके लिए कई बार ठेका कंपनी और नगर पालिका के बीच भुगतान को लेकर पत्राचार होते रहे, लेकिन यह भुगतान नहीं हो पाया।
यहां बन रहे 18 सौ फ्लेट्स
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यहां लगभग 18 सौ फ्लेट्स बन रहे हैं, जिसमें एलआईजी और एमआईजी श्रेणी के शामिल हैं। इसके साथ ही गरीबों की श्रेणी में आने वाले लोगों के लिए फ्लेट्स बनाए जा रहे हैं। इसमें गरीबों के मकान दो लाख रुपए में और एमआईजी के फ्लेट्स 19 लाख और एलआईजी के फ्लेट्स 16 लाख में नगर पालिका की ओर से विक्रय के लिए कीमतें निर्धारित हैं। अभी तक कई फ्लेट्स शहर के लोगों ने खरीदने के लिए बुक करा दिए हैं।
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