ये हाल है शहर का
कोतवाली के बगल वाली गली से लेकर भगत सिंह चौक तक सौ गुमटियां रखी हैं। इनमें से आधा सैकड़ा से अधिक अवैध हैं, जिनको रखवाने का काम सत्ताधारी दल के पांच-छह नेताओं ने किया है। इसके अलावा कांग्रेस के दो-तीन दिग्गज नेताओं ने भी अवैध रूप से अस्पताल के गेट के फुटपाथ पर गुमटियां रखवाई हैं। ऐसे ही रेलवे स्टेशन रोड पर भाजपा के दो नेताओं का कब्जा है, जिनकी वजह से रेलवे स्टेशन रोड हमेशा विवादित रहा है। नगर पालिका ने कई बार रेलवे स्टेशन रोड के विस्तारीकरण की योजना बनाई, मगर हर बार कोई न कोई बाधा आती रही, जिससे इस रोड का विस्तारीकरण नहीं हो पाया।यहां भी अवैध दुकानें और गुमटियां भी हैं जिनको हटाने की सुध नगर पालिका को अभी तक नहीं आई। वर्तमान में गरम कपड़े बेचने वालों की दुकानों के साथ इतना अतिक्रमण हो गया है जहां की सड़क काफी सकरी हो गई है।
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हम तो नेताजी को देते हैं किराया
कोतवाली गली में अवैध रूप से रखी गुमटियों को किराए पर लेने वाले चार-पांच दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह गुमटियां हमनें किराए पर ली हैं, एक ने दबी जुबान में कहा कि किराया तो हम नगर पालिका को नहीं नेताजी को देते हैं, उन्होंने एक गुमटी का किराया ढाई से छह हजार रुपया बताया। गुमटियां चलाने वालों का कहना था कि नेताजी की वजह से यहां नगर पालिका का कोई भी कार्रवाई करने नहीं आता। जब उनसे पूछा गया कि नगर पालिका से पर्ची कटवाते हो क्या, इस पर उनका कहना था कि नेताजी की गुमटी है, कौन काटेगा पर्ची।
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अतिक्रमण की चपेट में कोतवाली की ये गली
कोतवाली के पीछे वाली गली में पत्रिका टीम जब पहुंची तो वहां की आधी से ज्यादा सड़क पूरी तरह अतिक्रमण की चपेट में दिखाई दी। कुछ गुमटियों ने तो सड़क पर ही कब्जा कर लिया। जिससे वहां आसानी से दो पहिया वाहन भी नहीं निकल सकता। वहीं एबी रोड पर हनुमान चौराहे से लेकर नानाखेड़ी तक की एक तरफ की सड़क रेत-भसुआ,ईंटों की ट्रालियां, कार बाजार,अवैध गुमटियां और दूसरी तरफ भी भी अतिक्रमण की चलते एबी रोड की यह सड़क दिनों-दिन सकरी होती जा रही है।सड़क पर जो कब्जा किया है, उसमें भी सत्ता से जुड़े प्रभावशाली नेता शामिल हैं7 वहां रेत बेचने वाले दो-तीन लोगों से नेताजी किराया वसूल रहे हैं। इनमें पंचायत से जुड़े एक नेताजी जो कांग्रेस से जुड़े हैं, वे भी शामिल हैं।
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सार्वजनिक रास्ता भी किया बंद
कोतवाली के आसपास रहने वाले बुर्जुग बताते हैं कि कुछ समय पूर्व बापू पार्क के पीछे से एक सार्वजनिक रास्ता था, जिससे कोतवाली होकर लक्ष्मीगंज निकलती थी, इस मार्ग को कुछ समय पूर्व कांग्रेस के एक पूर्व पार्षद के परिवार ने बंद ही नहीं कर दिया, बल्कि उस पर एक दुकान के साथ-साथ रहने के लिए भी निर्माण कर लिया। जिससे यहां से निकलना ही बंद नहीं हुआ बल्कि सार्वजनिक रास्ते का नामो-निशान तक मिट गया। स्कूल के पास की जमीन पर शहर के कुछ नामी-गिरामी जिनमें एक नेताजी शामिल हैं, उन्होंने कब्जा कर लिया है।
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ये दिखा नजारा
एबी रोड स्थित बड़े पुल से जयस्तम्भ चौराहे तक बनी दुकानों के संचालकों ने दुकान के अलावा आधी सड़क तक कब्जा कर लिया है। इनको पूर्व में हटाने की कार्रवाई प्रशासन एवं नगर पालिका ने संयुक्त रूप से की थी। आधी सड़क पर वाहनों की धुलाई से राहगीरों को पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है।
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ठेले वालों पर चलता है प्रशासन का डंडा
हाट रोड समेत अन्य जगह ठेला लगाने वालों का पत्रिका से कहना था कि बड़े लोगों ने तलघरों में पार्किंग की जगह दुकानें खोल ली हैं, जिससे सड़क पर वाहनों की पार्किंग हो रही है। एबी रोड पर अधिकतर तलघर धन्नासेठों के है, उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, हम जैसे ठेले वाले यदि हाट रोड पर जरा खड़े हो जाते हैं तो नगर पालिका वाले हमको भगाने लगते हैं। उनका कहना था कि अधिकारियों को अतिक्रमण के मामले में एक जैसी कार्रवाई करना चाहिए।
यहां भी कब्जा है नेताओं का
महावीरपुरा, हाट रोड, कैंट रोड, न्यू टेेकरी रोड, जय स्तम्भ चौराहे से चिंताहरण हनुमान मंदिर तक। नानाखेड़ी मंडी से ऊमरी रोड तक अवैध गुमटियां रखी हुई देखी जा सकती हैं। खास बात ये है कि न्यू टेकरी रोड, जय स्तम्भ चौराहे से लेकर चिंताहरण मंदिर तक गुमटियां रखवाने वाले नेताजी स्थानीय के अलावा एक बस मालिक और एक विशेष जाति से जुड़े दो-तीन नेताओं का कब्जा है। इस संबंध में शिकायतें भी हुई लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई।