यही वजह है कि लंबे समय बाद भी अधिकांश लोगों को यह भी नहीं पता कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम में कौनसी कौनसी सेवाएं आती हैं जिनका लाभ वे लोक सेवा केंद्र के माध्यम से ले सकते हैं। यही कारण है कि जानकारी के अभाव में लोग सीधे विभागीय कार्यालय जाकर आवेदन दे रहे हैं। जिससे न तो उनका समय पर काम हो पा रहा है और न ही इन लंबित आवेदनों की मॉनीटरिंग शासन स्तर से हो पा रही है।
ऐसे में अधिकांश लोग काम न होने के कारण कार्यालय और अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। इस तरह की अव्यवस्था से सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है।
जानकारी के मुताबिक इस समय मप्र सरकार जिले के लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से 46 विभागों के अंतर्गत आने वाली 446 सेवाएं देने का दावा कर रही है। लेकिन हकीकत में अधिकांश सेवाएं लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से लोगों को नहीं मिल रही हैं। पत्रिका ने जिला मुख्यालय पर तहसील परिसर स्थित लोक सेवा केंद्र पर जाकर देखा तो यहां नोटिस बोर्ड जो सूचना अंकित थी उसमें लोक सेवा केंद्र द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की संख्या 35 ही दर्ज थी। वहीं आवेदकों से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लोक सेवा केंद्र पर नामांतरण का आवेदन नहीं लिया जाता है जबकि सूची में यह सेवा दर्ज है।
लोक सेवा केंद्र के माध्यम से यह सेवाएं ले सकते हैं
लोक सेवा केंद्र के माध्यम से नागरिक विद्युत, नल कनेक्शन, बच्चों को स्कूल में प्रवेश, जन्म, मृत्यु, निवास और विवाह के प्रमाण पत्र, एफआईआर की कॉपी, राशन कार्ड, हैण्डपंप की मरम्मत कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं। नियमानुसार इन सभी कामों की समय सीमा निर्धारित है। ऐसा न करने पर न सिर्फ संबंधित अधिकारी कर्मचारी पर जुर्माने का प्रावधान है बल्कि पीडि़त को 250 से 5000 रूपए तक की क्षतिपूर्ति भी देनी होगी।
न रुका भ्रष्टाचार और न हो रहे काम
लोक सेवा गारंटी अधिनियम को लागू करने की एक प्रमुख वजह बाबूराज को खत्म कर भ्रष्टाचार को समाप्त करना भी था। लेकिन इसके उचित क्रियान्वयन में जिला के मुखिया द्वारा गंभीरता न बरतने के कारण न तो सरकारी विभागीय कार्यालयों से भ्रष्टाचार खत्म हो पाया और न ही जनता के जरूरी काम समय सीमा मेें हो पा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक इस समय मप्र सरकार जिले के लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से 46 विभागों के अंतर्गत आने वाली 446 सेवाएं देने का दावा कर रही है। लेकिन हकीकत में अधिकांश सेवाएं लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से लोगों को नहीं मिल रही हैं। पत्रिका ने जिला मुख्यालय पर तहसील परिसर स्थित लोक सेवा केंद्र पर जाकर देखा तो यहां नोटिस बोर्ड जो सूचना अंकित थी उसमें लोक सेवा केंद्र द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की संख्या 35 ही दर्ज थी। वहीं आवेदकों से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लोक सेवा केंद्र पर नामांतरण का आवेदन नहीं लिया जाता है जबकि सूची में यह सेवा दर्ज है।
लोक सेवा केंद्र के माध्यम से यह सेवाएं ले सकते हैं
लोक सेवा केंद्र के माध्यम से नागरिक विद्युत, नल कनेक्शन, बच्चों को स्कूल में प्रवेश, जन्म, मृत्यु, निवास और विवाह के प्रमाण पत्र, एफआईआर की कॉपी, राशन कार्ड, हैण्डपंप की मरम्मत कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं। नियमानुसार इन सभी कामों की समय सीमा निर्धारित है। ऐसा न करने पर न सिर्फ संबंधित अधिकारी कर्मचारी पर जुर्माने का प्रावधान है बल्कि पीडि़त को 250 से 5000 रूपए तक की क्षतिपूर्ति भी देनी होगी।
न रुका भ्रष्टाचार और न हो रहे काम
लोक सेवा गारंटी अधिनियम को लागू करने की एक प्रमुख वजह बाबूराज को खत्म कर भ्रष्टाचार को समाप्त करना भी था। लेकिन इसके उचित क्रियान्वयन में जिला के मुखिया द्वारा गंभीरता न बरतने के कारण न तो सरकारी विभागीय कार्यालयों से भ्रष्टाचार खत्म हो पाया और न ही जनता के जरूरी काम समय सीमा मेें हो पा रहे हैं।
इसलिए जरूरी है लोसेके के माध्यम से आवेदन देना
लोक सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन देने का शुल्क निर्धारित है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति अनावश्यक पैसों की मांग नहीं कर सकता है। आवेदनों का निराकरण स्पष्ट व्याख्या के आधार पर ही होता है। समय सीमा में कार्य होने से प्रकरण निश्चित अवधि में ही निराकृत होंगे।
यह बोले जिम्मेदार
शासन द्वारा इस समय 46 विभागों की 446 सेवाएं लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल हैं। लेकिन इनमें से कई सेवाएं अभी ऑनलाइन नहीं है। नियमानुसार तो आवेदकों को लोक सेवा केंद्र के माध्यम से ही आवेदन देना है ताकि काम भी समय सीमा में हो तथा आवेदनों की मॉनीटरिंग की जा सके।
भृगेंद्र रघुवंशी, प्रबंधक