scriptPolitical news: प्रदेश सरकार में दो मंत्री, फिर भी गुना जिले को नहीं लग पा रहे विकास के पंख | Public waiting for good roads and transport | Patrika News

Political news: प्रदेश सरकार में दो मंत्री, फिर भी गुना जिले को नहीं लग पा रहे विकास के पंख

locationगुनाPublished: Aug 31, 2019 03:11:35 pm

Submitted by:

Manoj vishwakarma

साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल और अच्छी सड़कें व परिवहन का जनता को इंतजार

guna news

Political news: प्रदेश सरकार में दो मंत्री, फिर भी गुना जिले को नहीं लग पा रहे विकास के पंख

गुना. गुना शहर में रहने वाले हर व्यक्ति का सपना है कि गुना Political news:शहर इंदौर-भोपाल की तर्ज पर चमक वाला हो। इसके साथ-साथ इस बात का भी इंतजार है कि उनको साफ-सुथरा पानी कब मिलेगा, डोर-टू डोर कचरे के लिए वाहन कब आएंगे। अच्छी सड़कों पर कब चलेंगे।जिन कॉलोनियों में रह रहे हैं वहां अच्छी सड़कें और मूलभूत सुविधाएं कब तक मिल जाएंगी। Political news सफाई की समुचित व्यवस्था हो। सड़कों से पार्किंग हटें, कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों।
यह सब तभी संभव है जब जब पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप गुना नगर पालिका उन्नयन होकर नगर निगम बन जाए और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत विकास के लिए स्वीकृत पैसा गुना को मिल जाए। इसके साथ ही पूर्व मु यमंत्री ने याना को नगर पंचायत बनाने और बमौरी में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोले जाने के साथ-साथ प्रदेश सरकार भी गुना जिले में विकास के लिए अभी तक कई घोषणाएं कर चुका है, लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।
मजेदार बात ये है कि प्रदेश सरकार में दो-दो मंत्री होने के बाद भी गुना विकास से कोसों दूर है।पूर्व में भेजे गए प्रस्तावों को स्वीकृत कर लंबित कामों के लिए पैसा उपलब्ध कराए और पूर्व में गुना जिले के विकास बतौर की गई घोषणाओं पर अमल हो जाए तो गुना जिले का विकास के पंख लग सकते हैं। गुना के पिछड़े होने की वजह जब पत्रिका टीम ने तलाशी तो कई ऐसे कारण सामने आए कि जहां एक ओर जनता और मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान है तो वहीं दूसरी ओर शहर की यातायात व्यवस्था बिगाडऩे में सबसे बड़ा योगदान आलीशान भवन के उन मालिकों का है, जो भवन में बनाए गए तलघरों का उपयोग पार्किंग में न कराकर व्यवसायिक उपयोग के लिए करा रहे हैं और वहां आने वाले वाहन सड़कों पर खड़ी कराकर यातायात को बाधित करा रहे हैं। मल्टी लेबल पार्किंग जो तीन जगह बनना है, उस दिशा में अभी तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है।
अवैध कॉलोनियां का मामला

शहर में जमीन के कारोबारी किसी न किसी दल से जुड़े हैं। इसका परिणाम ये है कि कुछ जमीन कारोबारियों ने शासकीय जमीन के साथ-साथ बगैर डायवर्सन और अनुमति के कॉलोनियां काट दी हैं, जिन पर मकान तक तन गए हैं। वहां कॉलोनाइजर उन कॉलोनियों के विकास के लिए एक रूपया देने को तैयार नहीं है। इन कॉलोनियों का निर्माण कराने वालों ने पार्क की भूमि तक बेच दी, न यहां सड़क है और न पीने के पानी की सुविधा। कुछ समय पूर्व सात कॉलोनाइजरों पर कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने सीएमओ को संबंधित पुलिस थाने में उनके खिलाफ एफआई कराने के आदेश दिए, मगर पन्द्रह दिन बाद भी उन पर एफआईआर नहीं हो पाई। जबकि अवैध कॉलोनी बनाने वाले 83 कॉलोनाइजरों पर कार्रवाई होना है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो