गोपालपुरा में लोधा और दलित समाज बहुतायत संख्या में रहता है। दफनाने के स्थान से कच्ची सड़क बनाए जाने से गोपालपुरा के लोगों में नाराजगी बनी हुई है, उन्होंने कहा कि हमने इसकी शिकायत की, संबंधित अफसरों ने सीमांकन भी नहीं कराया और श्मशान की भूमि पर कब्जा हो गया। अब इस जमीन को मुक्त कराने के लिए लड़ाई भोपाल तक लड़ेंगे।
इस सड़क को लेकर कभी भी वहां बड़ा संघर्ष हो सकता है। गोपालपुरा में श्मशान के नाम से लगभग दो-ढाई बीघा जमीन लंबे समय से आरक्षित थी। यहां एक चबूतरा बना हुआ है, इसके पास ही एक नाला निकला है, उसके पास की भूमि बच्चों को दफनाने के लिए आरक्षित थी। वहां अभी तक बच्चों को दफनाए जाते रहे हैं।
इस भूमि पर कुछ समय पूर्व शहर के चर्चित कॉलोनाइजरों ने इस भूमि पर जेसीबी चलाकर रास्ता बनानेे का प्रयास किया था, जिसका गोपालपुरा वासियों ने विरोध किया और तत्कालीन कलेक्टर को ज्ञापन दिया था, उस पर तत्कालीन एसडीएम और तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार ने कार्रवाई के नाम पर केवल रस्म अदायगी की थी। वहां के लोगों का आरोप है कि कुछ समय पूर्व कोरोना संक्रमण काल के बीच वहां लगी तार फेसिंग को तोड़ा और रातों रात ब’चोंं के दफनाने के स्थान पर सड़क डल गई। इतना ही नहीं वहां भगत सिंह कॉलोनी जाने के लिए दीवार तोड़कर रास्ता भी बना लिया। उनकी मांग है कि इस भूमि का सीमांकन कराया जाए और तार फेसिंग कर श्मशान की भूमि आरक्षित की जाए।
दलित बाहुल्य गोपालपुरा
बताया गया कि गोपालपुरा में लोधा समाज के अलावा अधिकतर दलित समाज निवास करता है। उनके लिए एक श्मशान घाट जिला प्रशासन की ओर से जमीन आरक्षित कर बनवाया था। दलित समाज के लोगों का कहना था कि हमारे श्मशान को यदि नहीं बचाया तो हम यह लड़ाई भोपाल तक लड़ेंगे। यहां सड़क डालने वाले कॉलोनाइजर को मोबाइल पर फोन लगाया तो उनका मोबाइल आउट ऑफ कवरेज एरिया आता रहा।
ये है मामला: वार्ड 37 के गोपालपुरा में कई दशक पूर्व दाह संस्कार के लिए श्मशान भूमि के रूप में सवा दो बीघा जमीन सर्वे क्रमांक 255, 256, 257, 262, 258, 324, 264, 327, 326 के सरकारी दस्तावेजों मेें पंजीकृत है। इसी भूमि पर मृत ब’चों को दफनाने के लिए जगह आरक्षित है। इसके पास ही भगत सिंह कॉलोनी और गोपालपुरा बसा हुआ है। यहां के लोगों ने पत्रिका को बताया कि यहां 2-2 कॉलोनाइजर एक कॉलोनी काट रहे हैं।
उन्होंने यहां अवैध रूप से कॉलोनी बना ली जिसके लिए रास्ता दूसरी जगह से न देकर श्मशान की भूमि पर से देने का प्लॉट खरीदने वालों को प्लान बनाया और उक्त भूमि पर कच्ची सड़क भी बना दी, जिससे उसके प्लॉट अब पूर्व की अपेक्षा महंगे हो गए हैं, और वहां प्लाट खरीदने वालों को आने-जाने गोपालपुरा वाला रोड मिल गया है। सड़क को लेकर कभी भी वहां बड़ा संघर्ष हो सकता है।