जय आदिवासी युवा शक्ति द्वारा एडीएम को दिए ज्ञापन में बताया कि एमपी पीएससी के द्वितीय प्रश्न पत्र के गद्यांश में पूछे गए प्रश्नों में भील जनजाति को अपराधी, गैर वैधानिक व अनैतिक कामों में संलिप्त बताया गया है। शराब के अथाह सागर में डूबती जा रही है आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है जिसकी आदिवासी समाज निन्दा करता है।
जयस ने इस ज्ञापन में लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षा के मंदिर में सा प्रदायिकता का रंग व छबि जिन लोगों ने भी खराब करने का कार्य किया है उन लोगों के खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा न्यायिक जांच की जाए और संबंधित व्यक्ति को निलंबित किया जाए।
छेड़छाड़ के मामले में आरोपी को दो साल की सजा
गुना। जिला न्यायालय के जेएमएफसी ने आरोपी मुन्ना यादव को छेड़छाड़ के मामले में दोषी माना और उसे दो साल के कठोर कारावास व अर्थदंड से दंडित किया।
मीडिया सेल प्रभारी निर्मल कुमार अग्रवाल के अनुसार 7 अक्टूबर 2०14 को पीडि़ता ने आरोन पुलिस थाने में लेखीय आवेदन पेश किया कि सुबह आठ बजे वह अपने पति व बच्ची के साथ मजदूरी से सोयाबीन काटने महेन्द्र के खेत पर गई थीं।उसकी बच्ची के कपड़े रास्ते में गिर गए थे।
वह कपड़े लेने रास्ते में गई तभी उसी झाझोन के चक के रास्ते पर मुन्ना यादव निवासी सुल्तानपुर चक का मिला। जिसने बुरी नीयत से पीडि़ता का हाथ पकड़ लिया और कहने लगा आजा…। पीडि़ता ने हाथ छुड़ाकर भागने की कोशिश की तो आरोपी मुन्ना ने पीछे से उसे पकड़ लिया और उसके साथ छेड़छाड़ की और ब्लाउज फाड़ दिया।
बताया गया कि जब पीडि़ता चिल्लाने लगी तो आरोपी मुन्ना ने उसे चांटे मारे और वहां से भाग गया। पीडि़ता ने घटना के बारे में अपने पति को बताया। पुलिस थाना आरोन ने पीडि़ता के लेखीय आवेदन पर से अपराध क्रमांक 463/ 14 पंजीबद्ध कर फरियादिया के कथन कराए व संपूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।
इस प्रकरण की सुनवाई जेएमएफसी शिखा अग्रवाल ने की, सुनवाई के समय शासन की ओर से पैरवी एडीपीओ प्रदीप कुमार मिश्रा ने की, दोषी पाए जाने पर आरोपी मुन्नालाल निवासी झाझोन सुल्तानपुर थाना आरोन को धारा 354 में दो साल का कठोर कारावास भुगतने का निर्णय सुनाया।