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कल आ सकते हैं रावण, आईजी ने की तैयारियों की समीक्षा

locationगुनाPublished: Jul 24, 2020 04:51:01 pm

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

जगनपुर दलित बर्बरता का मामला: हंगामा से बचने के लिए अस्पताल प्रशासन दलित परिवार की छुट्टी करने की तैयारी में

कल आ सकते हैं रावण, आईजी ने की तैयारियों की समीक्षा

कल आ सकते हैं रावण, आईजी ने की तैयारियों की समीक्षा

गुना। जगनपुर चक पर फसल जमीन उजड़ते देख जहर पीने और पुलिस की बर्बरता के शिकार दलित परिवार का अभी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। मामले में राजनीतिक दलों और समाजसेवी संगठन हमदर्दी जताने और परिवार की व्यथा सुनने आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार अब भीम आर्मी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर उर्फ रावण 25 जुलाई को गुना आ सकते हैं। उनके समर्थकों ने शहर में होर्डिंग लगाकर कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी हैं।

इसके आगमन को देखते हुए जिला और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा बतौर तैयारियां तेज कर दी हैं। खबर है कि रावण गुना के अलावा अशोकनगर के भी एक दलित परिवार से मिलने जाएंगे, लेकिन पुलिस उनको मप्र की सीमा में उप्र से घुसते ही गिरफ्तार भी कर सकती है। 25 जुलाई को रावण के आने पर कहीं हंगामा न हो जाए, इसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने दलित परिवार को रिलीव करने की तैयारी में है।

इस देखते हुए सुरक्षा बतौर एक बैठक गुरुवार को कलेक्ट्रेट में हुई। इस बैठक में ग्वालियर से शामिल होने आए ग्वालियर रेंज के आईजी अविनाश शर्मा और संभागीय कमिश्नर एमबी ओझा ने सुरक्षा के संबंध में कई दिशा-निर्देश कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी राजेश कुमार सिंह को दिए।

इस बैठक में शामिल होने अशोकनगर और शिवपुरी के भी पुलिस अधीक्षक यहां आए थे। इस बैठक के बाद आईजी अविनाश शर्मा ने संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि चन्द्रशेखर को रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर गुना जिले के लिए गाइड लाइंस जारी की गई है। शनिवार-रविवार को टोटल लॉक डाउन रहेगा। ऐसे में 25 जुलाई को भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर उर्फ रावण आते हैं तो उसे रोका जाएगा।
दलित परिवार से मिला मंच
वहीं भोपाल से आए महिला दलित अधिकार मंच और दलित वूमन्स राइट का एक दल गुरुवार को गुना आया और उसने अस्पताल जाकर दलित परिवार से मिले और उसकी व्यथा सुनी। उनका कहना था कि हमारी मांग है कि दलित परिवार को उक्त भूमि दी जाए, इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ली जाए और जिन पुलिस व राजस्व कर्मियों ने बर्बरता की है, उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की जाए।
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