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रीडर मांगता है रिश्वत

locationगुनाPublished: Feb 26, 2019 08:42:21 pm

Submitted by:

brajesh tiwari

बीते माह मैंने रिश्वत नहीं दी तो अगला बिल 6 हजार रुपए आ गया। यह आपबीत ग्राम उड़ीमंगवार निवासी बालकिशन लोधा ने मंगलवार को जनसुनवाई में अधिकारियों के समक्ष सुनाई।

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ग्राम उड़ीमंगवार निवासी बालकिशन लोधा ने मंगलवार को जनसुनवाई में अधिकारियों के समक्ष सुनाई।

गुना. मैं दोनों पैर से विकलांग हूं। परिवार में सिर्फ मेरी मां मेरे साथ रहती है। जीवन यापन करने मैं आटा चक्की चलाता हूं। जिसके लिए बकायदा मैंने नियमानुवार मीटर भी लगवा रखा है फिर भी लाइनमेन रिश्वत मांगता है। न देने पर बिजली बिल ज्यादा देने की बात कहता है। बीते माह मैंने रिश्वत नहीं दी तो अगला बिल 6 हजार रुपए आ गया। यह आपबीत ग्राम उड़ीमंगवार निवासी बालकिशन लोधा ने मंगलवार को जनसुनवाई में अधिकारियों के समक्ष सुनाई। शिकायत सुनने के बाद अधिकारियों ने आवेदन बिजली अधिकारी को फारवर्ड कर दिया और बिजली अधिकारी ने मामले की जांच करवाने की बात कहकर विकलांग को चलता कर दिया। लेकिन मामले की कोई पड़ताल नहीं की।

साहब! हमारे खाते में नहीं आ रहे 1 हजार
जिले की ग्राम पंचायत भदौड़ी से आधा सैकड़ा सहरिया, आदिवासी महिलाएं जनसुनवाई में पहुंची। उन्होंने बताया कि चुनाव के समय प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की थी कि सभी आदिवासी महिलाएं बहनों को हरी सब्जी के लिए प्रति माह एक हजार रुपए दिए जाएंगे। यह रुपए चुनाव के बाद कुछ महीनों तक तो आए लेकिन फिर बंद हो गए। सरपंच, सचिव से पूछा तो वह कहते हैं कि ऊपर से ही नहीं आ रहेहैं। ज्यादा जानकारी चाहिए तो कलेक्टर साहब के पास चले जाओ, इसलिए आज हम कलेक्ट्रेट आए हैं लेकिन यहां कलेक्टर नहीं मिले। जनसुनवाई में भी अधिकारियों ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जनसुनवाई के दौरान कई आवेदन आए, जिन्हें अधिकारियों ने सुना।

नहीं मिली छात्रवृत्ति व आवास भत्ता
जिले के अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्र छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति व आवास भत्ता अभी तक नहीं मिल सका है। जिसके कारण छात्र छात्राओं को चालान, किराया व अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह बात छात्र छात्राओं ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर अधिकारियों को बताई तथा एक ज्ञापन भी डिप्टी कलेक्टर को सौंपा। सभी छात्र छात्रा एकत्रित होकर जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे थे, यहां छात्रों ने जमकर नारेबाजी करते हुए बताया कि इस समस्या को लेकर कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को कई बार अवगत करा चुके हैं लेकिन समस्या का निराकरण अभी तक नहीं हो सका है। परेशान छात्र छात्राएं मजबूरी में कमरा छोडऩे को विवश हैं। इसलिए शीघ्र ही छात्रवृत्ति विद्यार्थियों के खातों में पहुंचाई जाए। ऐसा समय सीमा में न करने विद्यार्थी हड़ताल करने पर विवश होंगे।
तहसीलदार के आदेश पर नहीं हो रही कार्रवाई
आरोनी निवासी विजयप्रकाश शर्मा ने बताया कि वह शासकीय भूमि पर कब्जा हटाने के लिए आधा दर्जन बार जनसुनवाई में लिखित शिकायत कर चुका हूं। यही नहीं शिकायत के साथ तहसीलदार के आदेश की कॉपी भी संलग्न हैं फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1511 रकबा 0.105 हेक्टर भूमि पर चन्द्रमोहन शर्मा द्वारा अवैध कब्जा कर उस पर बाउंड्रीवॉल एवं कमरा का निर्माण करने के संबंध में तहसीलदार आरोन ने 2 मई 2018 को आदेश दे दिया जिसमें तीन दिन में अतिक्रमण हटाने के लिए हल्का पटवारी को आदेशित किया गया लेकिन मौके से अतिक्रमण नहीं हट सका है। यही नहीं जब इस मामले की शिकायत 25 सितंबर 2018 को कलेक्टर से की तो एसडीओ आरोन को अतिक्रामक के खिलाफ सिविल जेल की कार्यवाही करने लिखा फिर भी कुछ नहीं हुआ।
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