यही कारण है कि यहां जो भी महिला आती है उसका पर्चा बनवाने से लेकर भर्ती करने में उसके अटैंडर को काफी परेशानी का सामना कर पड़ रहा है। मेटरनिटी विंग के कुप्रबंधन का एक उदाहरण सोमवार को देखने को मिला। बमोरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बेरखेड़ी निवासी रीना ने रविवार को चार बच्चों को जन्म दिया था लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से उसका एक भी जीवित नहीं बच सका था। इस महिला को सोमवार दोपहर मेटरनिटी विंग से छुट्टी दे दी गई। लेकिन मेटरनिटी विंग स्टाफ ने न तो महिला को घर छोडऩे की कोई व्यवस्था की और न ही उसके परिजनों को 108 नंबर पर कॉल करने की जानकारी दी। पत्रिका को रीना ने बताया कि अस्पताल में मौजूद कुछ महिलाओं ने उसे नि:शुल्क 108 नंबर की जानकारी दी। तब जाकर उसके परिजनों ने 108 नंबर पर दोपहर 1 बजे कॉल किया। लेकिन कॉल सेंटर से जवाब मिला कि अभी कोई गाड़ी नहीं है आधा घंटे तक इंतजार करें। इसके बाद रीना के परिजनों ने एक घंटे बाद फिर से फोन लगाया तो जवाब आया कि आधा घंटा और इंतजार करें। रीना को दो घंटे बाद भी घर जाने के लिए जननी वाहन नहीं मिल सका। रीना की पहली डिलेवरी घर पर हो गई थी उस समय भी रीना को समय पर जननी वाहन नहीं मिल पाया था।
ओपीडी से डॉक्टर गायब: जिला अस्पताल में शासन द्वारा गाइड लाइन के मुताबिक ओपीडी का समय सुबह 9 से 1.30 बजे फिर 2.15 तक लंच के बाद शाम 4 बजे तक का है। लेकिन सोमवार दोपहर 1 बजे ओपीडी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं थी।
समय पर नहीं मिलता मरीजों को वाहन प्रसूता महिलाओं को डिलेवरी के लिए अस्पताल तक पहुंचना हो या फिर डिस्चार्ज के बाद घर जाना होना हो। कभी भी मरीज को समय पर 108 वाहन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। क्योंकि मरीज परिजन जब 108 पर फोन लगाता है तो उसे हर बार एक ही जवाब मिलता है कि अभी कोई गाड़ी उपलब्ध नहीं है आधा घंटे बाद फोन लगाएं लेकिन इसी दौरान यदि अन्य कोई व्यक्ति फोन लगा देता है तो पहले उसके लिए गाड़ी बुक हो जाती है। इसी वजह से लंबा इंतजार करने वाले मरीज को गाड़ी उपलब्ध नहीं हो पा रही।
यह बोले जिम्मेदार मेटरनिटी वार्ड और पर्चा काउंटर के बीच कुछ दूरी है इसलिए मरीज को परेशानी आती है लेकिन यह जरूरी नहीं कि वह पहले पर्चा बनवाए फिर उसे भर्ती कराया जाए।
डॉ पीएन धाकड़, आरएमओ गुना टोल फ्री नंबर 108 से ही जननी व 108 वाहन बुक होता है। यदि सेंटर से कहा जाए कि आधा घंटे बाद फोन लगाएं तो इस दौरान जिसका भी पहले फोन आता है उसकी बुक हो जाती है।
शिवकांत उपाध्याय, जिला प्रबंधक 108 एंबुलेंस (जिगित्सा)