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गुना में एक ऐसा मार्केट प्लेस जहां शाम होते ही बंद करनी पड़ती हैं दुकानें

locationगुनाPublished: Dec 03, 2022 12:37:46 pm

Submitted by:

Narendra Kushwah

दुकानें आवंटित कर सुविधा देना भूले जिम्मेदारहॉकर्स जोन बनाने पर लाखों खर्च लेकिन न लाइट और न पानी और न शौचालय की व्यवस्थाजहां वास्तविक जरूरत वहां नहीं किए नपा ने कोई इंतजाम

गुना में एक ऐसा मार्केट प्लेस जहां शाम होते ही बंद करनी पड़ती हैं दुकानें

गुना में एक ऐसा मार्केट प्लेस जहां शाम होते ही बंद करनी पड़ती हैं दुकानें

गुना . नगर पालिका ने संजय स्टेडियम के पास लाखों रुपए खर्च कर हॉकर्स जोन का निर्माण कराया है। लेकिन यहां विक्रेताओं के लिए कोई भी जरूरी सुविधा नहीं है। वर्तमान में नपा द्वारा गर्म कपड़ों के विक्रेताओं को यहां दुकानें आवंटित की हैं। जिन्हें दुकानें लगाए हुए करीब एक माह हो चुका है। लेकिन अब तक नपा द्वारा अब तक यहां कोई भी सुविधा नहीं जुटाई गई है। सबसे ज्यादा परेशानी लाइट के अभाव में दुकानदारों को आ रही है। शाम ढलने के बाद जैसे ही अंधेरा होता है तो दुकानें बंद करनी पड़ती हैं। जबकि कामकाजी लोग शाम को ही खरीदारी के लिए बाजार में आते हैं। इसके अलावा दुकानदार व ग्राहक के लिए न तो पेयजल की व्यवस्था है और न ही शौचालय की।
जानकारी के मुताबिक नगर पालिका ने इस हॉकर्स जोन में दुकान लगाने वालों के लिए प्रति दुकान 100 रुपए प्रति दिन के हिसाब से शुल्क निर्धारित किया है। लेकिन बदले में कोई भी सुविधा नहीं दी जा रही है। यहां तक कि सफाई भी खुद दुकानदारों को ही करवानी पड़ रही है। बता दें कि जिस जगह नपा ने हॉकर्स जोन बनवाया है। उसके ठीक नजदीक संजय स्टेडियम है। जिसका कुछ हिस्सा राष्ट्रीय ध्वज लगाने के लिए दिया गया है। जहां लाइटिंग के लिए एक नहीं बल्कि पांच-पांच हेलोजन लगाई गई हैं। जबकि इस पार्क का कोई भी इस्तेमाल नहीं हो रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि जहां जरूरत है वहां नपा लाइट की व्यवस्था क्यों नहीं करवा रही है।
मूलभूत सुविधाओं के अभाव में समस्याओं से जूझ रहे दुकानदारों का कहना है कि जिस तरह नगर पालिका जगह का शुल्क ले रही है, उसी तरह लाइट व अन्य सुविधाओं का शुल्क भी ले ले लेकिन उन्हें यह सुविधाएं मिल जाएं तो दुकानदारी ठीक ढंग से हो पाएगी। इस समय उन्हें पानी भी मोल खरीदना पड़ रहा है। टॉयलेट के लिए भी बहुत दूर जाना पड़ता है। जबकि इस क्षेत्र में दुकानदारों की संख्या बहुत है। इस हिसाब से अलग से सुविधा घर की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए यहां पर्याप्त जगह भी उपलब्ध है।
रसीद दी नहीं बिजली कनेक्शन कैसे ले लें
नगर पालिका की व्यवस्था इस समय भगवान भरोसे चल रही है। इसे समझने के लिए गर्म वस्त्र विक्रेताओं की पीड़ा सुन लीजिए। संजय स्टेडियम के हॉकर्स जोन में एक महीने से दुकान लगाए हुए विक्रेताओं ने पत्रिका को बताया कि वे कई बार नगर पालिका कार्यालय जाकर अधिकारियों से मिल चुके हैं। लेकिन अभी तक उन्हें दुकान आवंटन की रसीद तक नहीं दी है। जिसके कारण वह बिजली कंपनी से अस्थाई कनेक्शन भी नहीं ले पा रहे हैं। बिजली के अभाव में शाम होते ही धंधा ठप हो जाता है। वे इस संबंध में नपाध्यक्ष से भी मिल चुके हैं।

नपा शुल्क ले रही तो सुविधाएं भी दे
नगर पालिका यदि दुकानदारों से शुल्क वसूल रही है तो उसका दायित्व है कि बदले में सभी जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराए। जिस हॉकर्स जोन में दुकानें दी गई हैं वह नपा की ही जमीन है तो फिर वहां लाइट लगवाने में उसे दिक्कत क्या है। संजय स्टेडियम के जिस हिस्से का इस्तेमाल झंडा लगाने हो रहा है, उसे भी नपा को अपने अधिकार क्षेत्र में लेना चाहिए ताकि उसका सदुपयोग हो सके। दुकानदारों की लाइट और पेयजल समस्या को दूर किया जाना चाहिए।
शेखर वशिष्ठ, नेता प्रतिपक्ष नपा

जरा इन जिम्मेदारों का बयान सुन लें
गर्ग कपड़ों की दुकानें कहां लगना है कहां नहीं, यह फैसला प्रशासन का है। संजय स्टेडियम के हॉकर्स जोन के दुकानदारों को अभी तक नपा द्वारा रसीद क्यों नहीं दी गई है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है, पूछकर बताता हूं। वैसे लाइट की व्यवस्था दुकानदारों को ही करनी है। वहीं रेलवे स्टेशन पर दुकानें लगाने से मना कलेक्टर साहब ने ही किया था। अब वहां दुकानें कैसे लग रही हैं यह वही जानें।
सविता गुप्ता, अध्यक्ष

संजय स्टेडियम का हॉकर्स जोन हो या रेलवे स्टेशन रोड यहां दुकानें आवंटित करने तथा शुल्क लेने व व्यवस्थाओं से संबंधित मुझे कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में राजस्व विभाग ही बता पाएगा।
बीबी गुप्ता, प्रभारी सीएमओ

रेलवे स्टेशन रोड का इलाका मेरे ही वार्ड में आता है। इस रोड पर वर्षों से गर्म कपड़ों की दुकानें लग रही हैं। जब हमने नगर पालिका प्रशासन से यहां दुकानें लगाने को लेकर पूछा था तब तो मना नहीं किया। यदि प्रशासन को यहां ट्रैफिक से जुड़ी या अन्य समस्या थी तो पहले ही मना किया जाना चाहिए था। इन दुकानदारों से क्या शुल्क लिया जा रहा है, टैक्स की रसीद दी है या नहीं, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
सुनीता रघुवंशी, स्थानीय पार्षद
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