सूचना मिलने के करीब एक घंटे बाद पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंचा। हारे हुए प्रत्याशी से अपनी मांगों को लिखित रूप में लेकर उचित निराकरण का आश्वासन दिया तब जाकर चक्काजाम समाप्त हो सका। उधर छोटी छिकारी के पास एक प्रत्याशी के समर्थकों ने हारने से नाराज होकर अपने समर्थकों के साथ सड़क पर पत्थर रखकर मतदान दल को लेकर वापस लौट रही बस को रोका और उसमें बैठी मतदान टीम को पीटा और बस पर पथराव किया। इससे बस क्षतिग्रस्त हो गई।
फतेहगढ़ स्टेट हाइवे पर लगाया जाम
चुनाव परिणाम से नाराज प्रत्याशी के समर्थकों ने शनिवार को गुना-फतेहगढ़ स्टेट हाइवे पर जाम लगा दिया। ग्रामीणों का यह विरोध प्रदर्शन करीब 5 घंटे तक चला। सूचना मिलने के काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझा बुझाकर जाम खुलवाने का प्रयास करती रही, लेकिन लोगों की मांग थी कि मतगणना में धांधली हुई है इसलिए फिर से चुनाव कराए जाएं।
हारे हुए प्रत्याशी के समर्थक इतने ज्यादा अशिक्षित थे कि उन्होंने पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अशोभनीय टिप्पणी भी करते रहे। खास बात यह है कि मंत्री के खिलाफ की गई नारेबाजी का वीडियो सोशल साइड पर वायरल तक कर दिया गया।
इधर फतेहगढ़ स्टेट हाइवे पर जाम की वजह से आवागमन प्रभावित होने लगा। सूचना मिलने के बाद तहसीलदार भारतेंदु यादव व थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। हारे हुए प्रत्याशी से कहा कि तुम्हारी जो भी मांग है, उसे थाने चलकर लिखकर दो।
हम प्रशासन तक आपकी बता पहुंचा देंगे। लेकिन ग्रामीण थाने ले जाने की बात पर राजी नहीं हुए। ग्रामीणों को आशंका थी कि थाने लेकर प्रत्याशी को वहां बिठा न लिय जाए। जिस पर ग्रामीणों ने मौके पर ही पंचनामा पर हस्ताक्षर कर तहसीलदार को सौंपा। इसके बाद ही चक्काजाम हट सका।
ग्राम बरसाती के ग्रामीणों का कहना था कि उनके गांवों की पोलिंग पर दोपहर 3 बजते ही मतदान को रुकवा दिया, जबकि निबेरी गांव में 6 बजे तक मतदान चला। इस दौरान फर्जी मतदान भी जमकर हुआ। यही वजह रही उनके प्रत्याशी सरनाम सिंह की हार हुई है।
सरपंच पद के प्रत्याशी सरनाम सिंह का यहां तक आरोप है कि निवेरी पोलिंग पर सरपंच पद के दूसरे प्रत्याशी कन्यालाल पुत्र भागीरथ मीना ने पोलिंग पर तैनात विजय से मारपीट की। उसके दो चूड़े चांदी के छीन लिए। यही नहीं उसे गले में तौलिया फंसाकर 200 मीटर दूर ले गए। इतने में पोलिंग एजेंटों को बाहर भगा दिया गया। मतदाताओं से मतपत्र छिनाकर खुद अपने हाथों से सील लगाकर फर्जी मतदान किया गया। जिसे रद्द कर पुन: मतदान कराया जाए।