नपा अधिकारियों के मुताबिक अब तक 26 हजार लोगों को टैक्स जमा करने नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जिनके पास न तो रजिस्ट्री है और न ही उन्होंने नामांतरण कराया है। लेकिन ऐसे लोगों को सेटेलाइट सर्वे से खोज लिया गया और भूखंड के आधार पर नोटिस जारी किए गए हैें।
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यह है नोटिस में
भवन का उपयोग स्वयं कर रहे हैं या फिर किराया पर दिया है
नगर पालिका द्वारा जलापूर्ति कनेक्शन प्रदाय किया गया है या नहीं
चालू वर्ष में संपत्ति कर मांग एवं बकाया राशि कितनी है
समेकित व शिक्षा उपकर कितना है
सूचना पत्र मिलने के 15 दिन में टैक्स जमा न करने वैधानिक कार्रवाई की जाएगी
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इन बिंदुओं पर किया गया है सर्वे
मकान कच्चा है या पक्का
आवासीय उपयोग हो रहा है किराए पर
भवन का कुल साइज, कितना उपयोग हो रहा है
खुली भूमि का उपयोग व्यवसायिक हो रहा है या निजी
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यह बोले वार्डवासी
पहली बार नपा ने टैक्स वसूली के लिए बिल रूपी नोटिस भेजा है। जिसमें मकान का फोटो भी चस्पा है। यदि विकास कार्य कराने यह टैक्स वसूला जा रहा है तो यह अच्छी बात है। लेकिन कुछ लोगों में टैक्स की राशि को लेकर विवाद है। उनका कहना है कि जो राशि नोटिस में दर्शाई गई है, उससे ज्यादा विभाग के अधिकारी बता रहे हंै। इस विवाद के चक्कर में यह टैक्स वसूली खटाई में न पड़ जाए।
तानाजी राव, वार्डवासी
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यह बोले जिम्मेदार
शहर की प्रत्येक कालोनी व वार्ड का संपूर्ण विकास तभी संभव है जब शासन की आय बढ़े। इसीलिए शासन ने जीआईएस सर्वे कराकर नए संपत्ति मालिकों को नोटिस भेजकर टैक्स जमा करने की कार्रवाई शुरू करवाई है। नगरीय क्षेत्र में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना नपा की जिम्मेदारी है। फिर चाहे वह अवैध कालोनी में रह रहा हो इससे कोई मतलब नहीं है।
तेज सिंह यादव, सीएमओ