ग्रामीणों ने बताया, पुराने सरपंच के कार्याकाल में पुलिया का काम होना था और उसमें डालने पाइप भी आए, लेकिन पुलिया अब तक नहीं बनाई जा सकी। रोड पर मुरम और पुलिया न होने से बरसात में एक गांव से दूसरे गांव नहीं जा पाते। ऐसे में कोई बीमार हो जाए तो खटिया पर बैठाकर कीचड़ में से निकलने को मजबूर होना पड़ता है। तत्कालीन सरपंच विजय राही ने बताया, पुलिया बनना थी, लेकिन हमारी पंचायत में नहीं आती। हमें पैसे नहीं दिए थे, इसलिए हमने जमीन के अंदर पाइप नहीं डलवाए।
झिर की पुलिया के पास रास्ता फूटा: झिर गांव में सरकारी स्कूल के पास बनी पुलिया के पास से रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। पुलिया के पास मिट्टी का कटाव हो जाने से निकलना मुश्किल हो गया है। पंचायत ने जो पुलिया बनवाई थी, उसमें से पानी भी नहीं निकलता। स्थिति यह रहती है कि बारिश होने पर बच्चे गांव से स्कूल में भी नहीं पहुंच पाते। इसके बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
झिर गांव में श्मशान और सीसी में भी घटिया निर्माण उधर, मौजूदा समय में भी घटिया निर्माण पर कोई अंकुश नहीं लग पाया है। गांव की सरपंच राजन बाई हैं, लेकिन पंचायत का काम कोई दबंग गुर्जर संभाल रहा है। उसके द्वारा ही सीसी और श्मशान घाट का काम देखा जा रहा है। रोड पर सीसी डालने के बाद लोगों के दैलान और आंगन में बिछाई जा रही है। ऐसा नहीं है कि जनपद के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। जनपद सीईओ राकेश शर्मा के अधीनस्त अधिकारियों की सांठगंाठ से लाखों के काम चल रहे हैं। पंचायत के वर्तमान सचिव जगदीश यादव ने बताया, तीन लाख की सीसी डाली जा रही है। यह विधायक निधि से काम हो रहा है। पंचायत के कामों में सरपंच के प्रतिनिधि द्वारा उनका सहयोग किया जाता है।