उन्होंने यह प्रतिक्रिया अपने ट्विटर हैंडल के जरिए नगर पालिका राजेन्द्र सलूजा द्वारा कलेक्टर द्वारा प्रताडि़त करने और गुना में इमरजेन्सी लागू होने से अवगत कराने के बाद आमजन को दी है। जिसमें यह भी लिखा है कि गुना जिले में शासन प्रशासन किस प्रकार बौखलाया हुआ है, यह आप देख सकते हैं।
किस तरह भ्रष्टाचार उजागर करने वाले नागरिकों को दमन कर उन्हें दबाया जा रहा है। आखिर किसके निर्देशों पर गुना में अराजकता का माहौल बनाया जा रहा है। यहां बता दें कि हाल ही में नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सलूजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नपा में स्वच्छता के लिए आई साढ़े ३ करोड़ की राशि का बंटरबांट किए जाने की बात कही थी। यही नहीं नगर पालिका संचालन को लेकर कलेक्टर पर भी गंभीर आरोप लगाए थे।
जिसके बाद अगले दिन ही सलूजा के बेटों की फैक्ट्रियों पर प्रशासन ने छापामार कार्रवाई अंजाम दी थी। जिसे सलूजा ने कलेक्टर द्वारा बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया तथा अगले दिन एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कलेक्टर पर अपनी और अपने परिवार को उनसे जान का खतरा बताकर कई गंभीर आरोप लगाए थे।
सलूजा ने बताया कि वे हाल ही में शिवराज सिंह चौहान से मिले हैं। इस दौरान उन्होंने किसानों का मुद्दा उठाते हुए बताया कि दो दो दिनों तक लाइन में लगने के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है।
यही नहीं विरोध करने पर उन्हें जेल भेजा जा रहा है। बकौल सलूजा, मैंने पत्रकार वार्ता बुलाकर जनता की समस्या रखी तो कलेक्टर ने बदले की भावना से मेरे बेटों की फैक्ट्रियों पर छापामार कार्रवाई कर प्रताडि़त किया। यही नहीं मेरे खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज कराई गई। कलेक्टर ने मुझे नियम के विपरीत नपाध्यक्ष पद से हटा दिया।
पूर्व सीएम को यह नहीं देता शोभा:सिसौदिया
प्रदेश के श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा गुना में आंदोलन किए जाने पर कहना था कि भ्रष्टाचार करने वालों पर लगाम कसना अत्याचार है, ऐसे लोगों के साथ उन्होंने कैसे न्याय किया। बेहतर होता कि वे पहले प्रशासन के दस्तावेज देखते, उसके बाद ट्वीटर पर कुछ हैडिंल करते, उसके बगैर ऐसा करना उनको शोभा नहीं देता।