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गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से सिंधिया का नाम तय, पत्नी ने संभाली कमान

locationगुनाPublished: Apr 14, 2019 01:07:43 pm

Submitted by:

Satish More

ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी-गुना लोकसभा सीट से 2002 का उपचुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे इसके बाद से लगातार वे यहां जीत का परचम लहरा रहे हैं

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गुना. पिछले 17 सालों से संसदीय क्षेत्र की कमान संभाल रहे सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कांग्रेस ने एक फिर भरोसा जताया है। लंबे इंतजार और असमंजस के बाद शुक्रवार को देर शाम लोकसभा सीट से पार्टी ने उन्हें अपना उ मीदवार घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी-गुना लोकसभा सीट से 2002 का उपचुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे। इसके बाद से लगातार वे यहां जीत का परचम लहरा रहे हैं। पिछले चुनाव में देश भर मोदी लहर के बावजूद वे अपनी सीट बचाने में सफल रहे थे। उन्होंने भाजपा के जयभान सिंह पवैया को 1 लाख 20 हजार 792 वोट से हराया था।

20 में से 12 बार, सिंधिया परिवार: शिवपुरी-गुना संसदीय सीट पर सिंधिया परिवार का वर्चस्व रहा है। यहां अब तक हुए 20 लोकसभा चुनावों में 12 बार सिंधिया परिवार के सदस्य को जीत मिली है। इसमें राजमाता विजयाराजे सिंधिया 4 बार और माधवराव सिंधिया 4 बार संसद पहुंचे हैं। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया भी यहां से चार चुनाव जीत चुके हैं। यह उनका पांचवा चुनाव है। 1977 में पहली बार माधवराव सिंधिया ने यहां से चुनाव लड़ा था। इसके बाद से केवल सिंधिया परिवार से इतर केवल 1984 में महेन्द्रसिंह ही यहां से सांसद रहे हैं।

तीसरी बार पहुंची प्रियदर्शनी:

सांसद सिंधिया की पत्नि प्रियदर्शनी राजे सिंधिया तीसरी बार जिले के दौरे पर पहुंची। गुरूवार को उन्होंने पहले सामाजिक क्षेत्रों से जुड़ी महिलाओं से चर्चा की और वोटिंग में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने पर बल दिया। इसके बाद ब्लॉक, सेक्टर व मंडलम अध्यक्षों की बैठक लेकर उनसे भी चर्चा की। जिसमें पूरा फोकस चुनाव अभियान की तैयारियों पर रहा। उनके साथ प्रभारी मंत्री इमरती देवी व श्रम मंत्री महेन्द्रसिंह सिसौदिया भी मौजूद रहे।
भाजपा प्रत्याशी का भी इंतजार
लोकसभा सीट पर 16 अप्रेल से नाम निर्देश पत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अब इसके लिए केवल 3 तीन शेष हैं, लेकिन अभी तक भाजपा ने भी अपना प्रत्याशी का चयन नहीं कर पाया है। वहीं बसपा व एसयूसीआईसी के द्वारा प्रत्याशियों के नामों का ऐलान तो कर दिया गया है, लेकिन दोनों का प्रचार फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। दोनों के प्रमुख दलों के चेहरा साफ नहीं होने से कार्यकर्ता भी असमन्जस में थे। खास बात ये है कि ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब गुना सीट पर नामांकन प्रक्रिया से ठीक तीन दिन पहले तक भी भाजपा के प्रत्याशी का नाम तय नहीं हुआ है।

आठ विस सीटों में से पांच पर कांग्रेस
गुना संसदीय सीट तीन जिलों की 8 विधानसभा सीट हैं। इनमें से 5 कांग्रेस और तीन पर भाजपा काबिज है। इसमें कांग्रेस बमोरी, अशोनकगर, चंदेरी, मुंगावली, पिछोर में काबिज है और भाजपा के पास गुना, शिवपुरी और कोलारस की विधानसभा सीट है। इस बार सबसे ज्यादा वोटर शिवपुरी से हैं। गुना से जिले के 4 लाख वोटर हैं।

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