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गुना नगरीय क्षेत्र में साठ घंटे का लॉक डाउन,ग्रामीण स्तरों पर चलती रहीं दुकानें और बाजार

locationगुनाPublished: Apr 11, 2021 01:12:36 am

Submitted by:

praveen mishra

सब्जी, दूध के लिए सुबह खुली दुकानें, बढ़ी भीड़, बाजार रहे बंद,सड़कों पर दिखी चहल-पहल-पुलिस की दिन भर रही तैनाती, कलेक्टर-एसपी लेेते रहे राउंड,आज भी रहेगा लॉक डाउन

गुना नगरीय क्षेत्र में साठ घंटे का लॉक डाउन,ग्रामीण स्तरों पर चलती रहीं दुकानें और बाजार

गुना नगरीय क्षेत्र में साठ घंटे का लॉक डाउन,ग्रामीण स्तरों पर चलती रहीं दुकानें और बाजार

गुना। कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते गुना जिले के नगरीय क्षेत्र में बीते रोज सायं छह बजे साठ घंटे का लॉक डाउन शुरू हो गया है, जो सोमवार को सुबह छह बजे तक रहेगा। इस लॉक डाउन के पहले दिन शनिवार को सुबह के समय सब्जी खरीदने के लिए सब्जी मंडी और दूध-दही के लिए डेयरियों पर काफी भीड़ रही। सड़कों पर आवाजाही होती रही, लेकिन गुना शहर समेत जिले के नगरीय क्षेत्र के बाजार पूरी तरह बंद रहे। सुरक्षा बतौर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद तैनात रही। कलेक्टर और एसपी भी एक वाहन में सवार होकर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे और संबंधित अफसरों को दिशा-निर्देश देते रहे।जहां संस्थान बंद रहे, वहीं लोगों ने अपने घरों में कैद होकर लॉक डाउन का समर्थन किया।जिले भर में ऐहतियात के तौर पर पुलिस गश्त करती रही। यह लॉक डाउन रविवार को भी पूरी तरह रहेगा।
कोरोना संक्रमण काल में इस वर्ष के पहले साठ घंटे के लॉक डाउन में पहले दिन पत्रिका टीम ने शहर में अलग-अलग जगह का भ्रमण किया, जहां की वस्तु स्थिति देखी और बयां की।
समय: सुबह पौने बारह बजे
स्थान: रेलवे स्टेशन गुना
दृश्य- रेलवे स्टेशन गुना पर पहुंचे तो वहां रनिंग रूम के बाहर कुछ लोग दिखाई दिए, यहां चालक व गार्डों की पेटियां उठाकर इंजन व गार्ड के डिब्बे तक रखने वाले ठेकेदार के कारिंदों से रेलवे के एक जिम्मेदारी अधिकारी से बहस होते दिखाई दी। कारिंदों का कहना था कि न तो हमें मास्क दे रहे हो, न सेनेटाइजर है, पीपी किट दिलवाओ तो हम काम करेंगे। इस पर उक्त अधिकारी का कहना था कि मास्क और सेनेटाइजर दे देंगे, पीपी किट नहीं दे सकते। अंत में उक्त अधिकारी ने कह दिया कि ठेकेदार से कह देना और कल से काम पर मत आना। वे कारिंदे कुछ देर के लिए रुके, फिर चले गए। पत्रिका टीम आगे बढ़ी तो रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर पन्द्रह-बीस यात्री साबरमती एक्सप्रेस के आने का इंतजार करते देखे गए। यहां कुछ नलों से पानी भी आता दिखाई नहीं दिया। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर ट्रेन से आने वाले यात्रियों की जांच आदि के लिए प्रशासन की और से तैनात किए गए12 कर्मचारियों में से 4 कर्मचारी ड्यूटी पर मिले। यहां के बनाए गए नोडल अधिकारी महिला सशक्तिकरण अधिकारी आरबी गोयल उन कर्मचारियों से चर्चा करते आए। उन कर्मचारियों ने पत्रिका को बताया कि सुबह से 12 बजे तक चार ट्रेनें आ चुकी हैं जिनसे 134 यात्री उतरे हैं, जिनकी हमने थर्मल स्क्रीनिंग की और नाम-पते रजिस्टर में अंकित किए हैं। उन कर्मचारियों का दर्द ये छलका कि हम तो जांच कर रहे हैं लेकिन रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा की जिम्मेदारी जीआरपी और आरपीएफ की है, वे हमारा सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। ट्रेन आने के समय ये लोग हमारे साथ रहें तो जांच करने में और आसानी हो जाएगी। पत्रिका टीम ने सुरक्षा बतौर वहां पुलिस कर्मियों की तलाश की तो एक भी पुलिस कर्मी वहां नजर नहीं आया। उस टीम ने बताया कि रात के समय ग्वालियर से आने वाली ट्रेन से एक मरीज आया था, उसको कोरोना था, जिसको हमने जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया है। रेलवे स्टेशन परिसर के बाहर देखा तो ऑटो खड़ी थीं जो साबरमती एक्सप्रेस से आने वाली सवारियों को उनके गंतव्य स्थान पर छोडऩे के लिए तैयार थीं।
स्थान: जज्जी बस स्टैण्ड

समय-दोपहर 12.1० बजे
दृश्य- जज्जी बस स्टैण्ड जहां बसों का हमेशा जमाव रहता था, शनिवार को लॉक डाउन के कारण चार-पांच बसें ही खड़ी दिखाई दीं, इनमें से एक बस ग्वालियर जाने के लिए तैयार थी, लेकिन उसमें यात्री बमुश्किल सात-आठ बैठे हुए थे। बस के चालक का कहना था कि ग्वालियर से आए तो वहां से भी दस-पन्द्रह यात्री लेकर आए थे। यहां मौजूद बस स्टाफ का कहना था कि ग्वालियर-इंदौर, भोपाल सभी जगह लॉक डाउन है, सवारियां कहीं नहीं जा रही हैं, इस वजह से बसें भी कम चल रही हैं। सुबह से देर शाम तक बस स्टेण्ड से सौ यात्री भी रवाना नहीं हुए।
स्थान- गुना का बाजार
समय: दोपहर साढ़े बारह बजे
दृश्य: कोरोना संक्रमण काल में धारा 144 के तहत साठ घंटे का लागू किए गए लॉक डाउन का असर ये देखा गया कि शनिवार को पत्रिका टीम जब गुना के जय स्तम्भ चौराहे पर रुकी तो यहां प्रतिदिन मजदूरों की मंडी सुबह दोपहर तक लगती थी, वहां सूनसान देखी गई, कुछ मजदूर इधर-उधर बैठे देखे गए।एबी रोड स्थित मुख्य बाजार सदर बाजार, लक्ष्मीगंज, हाट रोड, हनुमान चौराहे पहुंची तो यहां के बाजारों में दुकानों के शटर पूरी तरह बंद थे। लेकिन गणेश टॉकीज रोड पर स्थित एक डेयरी जो खुली थी, पत्रिका टीम ने जैसे ही उसकी खुली डेयरी को अपने कैमरे में कैद किया, डेयरी संचालक का कहना था दूध आया था, उसको लेने के लिए डेयरी खोली थी। लक्ष्मीगंज, सदर बाजार, हाट रोड पर दुकानों के बंद थीं, लेकिन मेडिकल की दुकानें खुली होने और सड़कों पर आवाजाही जरूर देखी गई। फल और सब्जी के ठेले जरूर कई जगह खड़े हुए दिखे। हनुमान चौराहे पर पुलिस कर्मी मौजूद थे, जो बगैर मास्क के निकल रहे लोगों पर नजर रखे थे। बाजारों में व्यापारी वर्ग अलग-अलग समूह में खड़े और बैठकर कोरोना, व्यापार, राजनीति की चर्चाएं करते देखा गया।
ऐसा ही दिखा कैंट क्षेत्र में
लॉक डाउन के पहले दिन कैंट क्षेत्र में भी अधिकतर दुकानें जहां एक ओर बंद थीं, लेकिन वहीं दूसरी ओर लोग अपने-अपने घरों के बाहर बैठे हुए दिखाई दिए। इसके अलावा कॉलोनियों में भी देर शाम चहल-पहल बनी रही। बस कोरोना को लेकर लगे लॉक डाउन और कब तक चलेगा, यह चर्चा बनी रही।
ग्रामीण क्षेत्र में चलता रहा बाजार
कोरोना संक्रमण काल में साठ घंटे के नगरीय क्षेत्र में लगे लॉक डाउन का जहां एक और नगरीय क्षेत्र में पूरा असर देखा गया, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिदिन की भांति पूरा बाजार खुला रहा, जगह-जगह चौपालें लगी रहीं। बमौरी में तो सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई। शराब की दुकानें नगरीय क्षेत्र में
बंद रहीं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में खुली रहीं।
जहां संस्थान बंद रहे, वहीं लोगों ने अपने घरों में कैद होकर जनता कफ्र्यूू का समर्थन किया।जिले भर में जनता कफ्र्यू के दौरान ऐहतियात के तौर पर पुलिस गश्त करती रही तो परिवहन के साधनों के पहिए थमे रहे। पुलिस और जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कलेक्टर एस. विश्वनाथन और एसपी तरुण नायक देखते रहे। लोगों ने स्वविवेक से बंद का समर्थन किया, यहां जो स्थिति देखने को मिली उससे जाहिर है कि यहां के लोग पूरी ऊर्जा के साथ कोरोना वायरस के खिलाफ लडऩे का मन बना चुके हैं। जनता कफ्र्यू के सन्नाटे के साथ उनकी ओर से कोरोना के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। इसी बीच श्रीराम कॉलोनी में कोरोना वायरस का एक संदिग्ध मरीज मिलने की खबर प्रशासन तक पहुंची, इसके बाद वरिष्ठ अफसरों के निर्देश पर एक टीम वहां पहुंची और अपने कब्जे में लेकर उसका आइसोलेशन कराया। यह युवक हाल ही में जर्मनी से लौटकर आया है।
लोग पूछ रहे, घर पर क्या बना रहे हो
लॉक डाउन के दौरान घरों में बैठे लोग एक-दूसरे को सोशल मीडिया पर संदेश भेजकर माहौल की जानकारी लेते रहे और देते रहे, इसके साथ ही यह पूछ रहे कि घर पर क्या बना रहे हो या क्या कर रहे हो। विशेषकर युवा लॉक डाउन के प्रति कुछ ज्यादा ही जोश में नजर आए।बाजार में निकलकर या दरवाजे के बाहर आकर सड़क और वहां के माहौल का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहे। आवश्यक वस्तुओं की कमी नहीं
लॉक डाउन के पहले दिन शहर में दुकानें और बाजार पूरी तरह बंद नजर आए। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनी रही, सब्जी और फल विक्रेताओं ने बीते रोज निर्धारित दाम से अधिक पैसे वसूले। हालांकि बाहर से आने वाले दूध की कम सप्लाई रही।
ये भी दिखा नजारा गुना में
-रविवार को जिला चिकित्सालय में रोजाना की अपेक्षा बहुत कम भीड़ थी, अस्पताल के कई वार्ड के मरीज छुट्टी कराकर चले गए थे।कोरोना वायरस के शिकार मरीज के आने को देखकर यहां पलंग की संख्या बढ़ाई गई है, स्टॉफ की ड्यूटी लगा दी है। हेल्प लाइन के रूप में दिए गए फोन नम्बर और सीएमएचओ के कार्यालय का नम्बर पर लोगों ने फोन लगाए, लेकिन किसी ने नहीं उठाया।
-शहर में लॉक डाउन के दौरान कुछ जगह गंदगी देखी गई, वहां की जनता ने बताया कि उनके यहां कचरा वाहन तक जो प्रतिदिन आता था, वह नहीं आया।
किराना दुकानों पर चूने से बनवाए निशान
एसडीएम अंकिता जैन एवं नगर पालिका के सीएमओ तेजसिंह यादव के नेतृत्व में उनकी टीम ने कोरोना वायरस एक-दूसरे में प्रवेश न कर जाए, इसको देखते हुए इंतजाम स्वरूप कुछ किराना दुकानों पर एक-एक मीटर दूर खड़े रहें, इसके लिए चूने से लाइन डलवाई गई। एसडीएम ने दुकानदारों को इस व्यवस्था का डेमोस्टे्रेशन करके भी दिखाया।

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