उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता संभालते ही स्वच्छ भारत अभियान के तहत पूरे देश से स्वच्छता का आव्हान किया था। वर्तमान में देश में स्वच्छता पखवाड़ा चल रहा है। जिसमें पहले दिन तमाम सरकारी नुमाइंदे और राजनेता सड़कों पर सफाई करने उतरे, लेकिन एक दिन तस्वीरें खिंचावाकर स्वच्छता की इतिश्री कर ली गई।
जनपद पंचायत व तहसील कार्यालय परिसर में गंदगी की भरमार
हालत यह है कि अधिकारी खुद अपने ही कार्यालयों के आसपास स्वच्छता नहीं रख पा रहे हैं। पत्रिका ने जब जिले के सरकारी कार्यालयों का जायजा लिया तो कई कार्यालयों में गंदगी नजर आई। खासतौर से जनपद पंचायत व तहसील कार्यालय परिसर में गंदगी की भरमार है।
इस परिसर में लोक सेवा केन्द्र व ई गवर्नेंस का कार्यालय भी है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग यहां आते हैं और गंदगी से दो-चार होना पड़ता है।पुराना कलेक्ट्रेट परिसर में गंदगी की चपेट में है। कार्यालयों पर जगह-जगह काई जमी हुई है और खरपतवार उग आई है। जिसे साफ नहीं किया गया।
इसके अलावा परिसर में एक पुराना जर्जर डस्टिबिन रखा है। जिसमें भरा कचरा फैला रहता है। कोषालय कार्यालय, नगरपालिका परिसर भी गंदगी से अछूता नहीं है। यहां नए सभाकक्ष के पास बाउंड्री वॉल कचरे व गंदगी से घिरी हुई है।
तहसील परिसर में नहीं है प्रसाधन
तहसील परिसर में जनपद पंचायत सहित चार कार्यालय संचालित होने के बावजूद लोगों के लिए सार्वजनिक प्रसाधन की सुविधा नहीं है। नगरपालिका का चलित शौचालय बाउंड्री के साइड में आड़ा पड़ा है। लोग कार्यालयों की दीवारों का ही उपयोग कर रहे हैं। जिसके कारण आसपास बदबू फैली रहती है। प्रसाधन की सुविधा न होने से सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ रही है। यहां आने वाली महिलाओं की संख्या में सैंकड़ों में है।
कलेक्ट्रेट में भी जहां-तहां गंदगी देखने को मिल जाती है। प्रसाधन की सफाई न होने से ये चौक हो जाते हैं और पीक के निशान भी दीवारों व सीढिय़ों पर लगे हैं। हाल ही नीचे पीक के निशान साफ करवाए गए हैं।