स्कूल में नहीं मिले शिक्षक, सांड कर रहे थे दोनों गेटों पर रखवाली
गुनाPublished: Jan 05, 2022 12:43:54 am
- -दूसरे स्कूल में बच्चों की लड़ाई घर तक पहुंची
- परिजनों के बीच स्कूल में हुई झूमाझटकी
- हैडमास्टर ने किया बीच-बचाव, थालियां पड़ीं कम
- हाथ में रखकर बच्चे खा रहे थे खाना


स्कूल में नहीं मिले शिक्षक, सांड कर रहे थे दोनों गेटों पर रखवाली
गुना। भले ही कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए और जिला शिक्षा अधिकारी शैक्षणिक व्यवस्था को सुधारने पर जोर दे रहे हों, इसके बाद भी गुना जिले की व्यवस्था सुधरने को तैयार नहीं हैं, इसकी वजह ये है कि अधिकतर शिक्षक न तो समय पर स्कूल जा रहे हैं और न पढ़ाने में उनकी रूचि है। शहर के एक स्कूल में तो पदस्थ अधिकतर शिक्षक ड्यूटी पर नहीं मिले, वहां स्कूल के दोनों गेटों पर एक-एक सांड पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी करते हुए देखे गए। अधिकतर विद्यालयों में बच्चों की संख्या के हिसाब से शिक्षक अधिक पदस्थ मिले।
पत्रिका की टीम मंगलवार को दोपहर के समय शहर से सटे प्राइमरी व मिडिल स्कूल में मध्यान्ह भोजन और वहां की व्यवस्थाएं देखने निकली। इस तरह मिले स्कूल
समय : दोपहर 1.30
स्कूल- शासकीय प्राइमरी स्कूल नानाखेड़ी
दृश्य- यहां एक मैडम धूप में बैठकर स्कूल का काम कर रही थीं। वहां छोटे-छोटे बच्चे खेल रहे थे। यहां बच्चों को मध्यान्ह भोजन कराया जा चुका था। बच्चों ने बताया कि उनको खीर,पूड़ी और आलू की सब्जी खिलाई गई। स्टॉफ के लोगों ने बताया कि हम लोग बच्चों को थाली में ही भोजन कराते हैं। इस विद्यालय में गंदगी का साम्राज्य व्याप्त दिखाई दिया।
समय : दोपहर पौने दो बजे
स्कूल- शासकीय प्राइमरी स्कूल पिपरौदा खुर्द
दृश्य- इस विद्यालय में मध्यान्ह भोजन कराए जाने की तैयारी चल रही थी। बच्चों को भोजन कराने के लिए रखी थालियां बेहद गंदी थी। इसके साथ ही कुछ बच्चों को थाली नहीं मिली तो वे हाथ में या बोतल पर पूड़ी रखकर खाते हुए दिखे। इस विद्यालय के जर्जर हिस्से पर एक निजी व्यक्ति ने कब्जा कर लिया उस पर कंडे थपते दिखाई दिए। इस विद्यालय के एक हिस्से पर आंगनबाड़ी और दूसरे हिस्से के एक कमरे पर सिलाई सेन्टर का कब्जा हो गया। स्टॉफ के पूछने पर जानकारी मिली कि बीते रोज एक कक्षा में दो बच्चे आपस में झगड़ गए, जिसमें अंशु नाम के बच्चे को चोट आ गई। इस बात पर अंशु और प्रिंस नाम के बच्चे के परिजन मंगलवार को सुबह के समय यहां आ गए और दोनोंं पक्षों में झूमाझटकी तक हो गई, जिसका बीच-बचाव हैडमास्टर राकेश श्रीवास्तव ने किया। इस प्राइमरी विद्यालय में बच्चों की संख्या 238 बताई, यह बच्चे कभी पूरे नहीं आए, जबकि इन बच्चों को पढ़ाने के लिए आठ शिक्षक-शिक्षिकाओं का स्टॉफ है, जिनमें दो को अतिरिक्त बताया। इन बच्चों के अधिकतर कपड़े रंग-बिरंगे दिखाई दिए।
समय : दो बजे
स्कूल- शासकीय मिडिल स्कूल क्रमांक 3 कर्नेलगंज
दृश्य-इस विद्यालय परिसर में पत्रिका टीम ने प्रवेश करने का प्रयास किया तो गेट पर दो सांडों ने हमको अंदर जाने से रोका। इस विद्यालय के दोनों गेटों पर एक-एक सांड रखवाली करते दिखे। जिनको हटाने पर अंदर पहुंचकर देखा तो मनोज बुनकर, बंटी चंदेल, किरण शर्मा मिडिल स्कूल की अलग-अलग कक्षा को पढ़ाते हुए मिले। यहां पदस्थ हैड मास्टर मुकेश जैन के अवकाश पर होने की सूचना मिली। इस मिडिल स्कूल में दो क्लासों के बच्चे खाली बैठकर बतियाते हुए मिले। दूसरे स्टॉफ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मिडिल में आठ और प्राइमरी में पांच टीचर पदस्थ हैं। लेकिन यहां पत्रिका टीम को मिडिल में तीन और प्राइमरी में भी तीन टीचर अपनी ड्यूटी करते मिले। यहां बैठे बच्चों ने मध्यान्ह भोजन करना बताया। इस विद्यालय में भी बच्चों की संख्या के हिसाब से ज्यादा स्टाफ की तैनाती बताई गई।
समय : सवा दो बजे
स्कूल : शासकीय मिडिल स्कूल जाटपुरा
दृश्य- पत्रिका टीम यहां पहुंची तो बच्चे मध्यान्ह भोजन कर चुके थे। यहां के स्टॉफ ने बच्चोंं को मध्यान्ह भोजन के रूप में खीर, आलू की सब्जी और पूडी खाना बताया। इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक मिश्रीलाल के बीईओ कार्यालय काम से जाना स्टाफ ने बताया। विद्यालय में तीन सौ बच्चे और 18 का स्टॉफ होने की जानकारी दी। इस विद्यालय परिसर में दो-तीन जर्जर भवन देखे गए। यहां भी एक शिक्षक के अवकाश पर होने की जानकारी दी।