हाल ही में सीएम डॉ. मोहन यादव ने मांस-मछली और अंडे की दुकानें खुले में न बेचने के आदेश दिए हैं। इस आदेश का पालन जिले में पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी और नगर पालिका के सीएमओ को कराना है। बीते रोज नगर पालिका ने मुनादी कराकर मांस-मछली विक्रेताओं को चेतावनी दी थी कि वे खुले में और बगैर लाइसेंस के मांस-मछली का कारोबार न करें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मुनादी के बाद शुक्रवार को रपटा रोड से पिपरौदा जाने वाले मार्ग और शीतला माता मंदिर वाले रोड पर दो दर्जन से अधिक मांस-मछली की दुकानें हैं। यहां की दुकानें सुबह से ही दुकानदारों ने बंद कर रखी थी। नगर पालिका ने दोपहर दो बजे के बाद इन दुकानों पर कार्रवाई किए जाने की तैयारियां की थीं। पुलिस बल मिलने में हो रही देरी की वजह से कार्रवाई समय के काफी देर बाद हुई। नगर पालिका कार्रवाई करती कि इससे पहले ही कुछ दुकानदार मांस-मछली बेचने के लिए लगाई गुमटी और तख्त उठाकर ले गए। वहीं विजयपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम दौराना जो हाइवे किनारे बसा है। यहां खुलेआम मीट विक्रय किया जा रहा है। जिस पर रोक लगाने की मांग ग्रामीणों ने की है।
ये हाल है स्लाटर हाउस का पत्रिका टीम शुक्रवार को दोपहर दो बजे करीब कर्नेलगंज स्थित स्लॉटर हाउस पहुंची। लाखों रुपए की लागत से तैयार स्लॉटर हाउस जीर्ण-शीर्ण हालत में दिखाई दिया। जिसकी खिड़कियां, दरवाजे टूटे थे। यहां बने चबूतरे भी टूटी हालत में दिखाई दिए। जबकि तीन-चार साल पूर्व तत्कालीन एसडीएम शिवानी रायकवार ने इन मांस-मछली विक्रेताओं को हटाने के लिए कार्रवाई कराई थी, उस समय स्लॉटर हाउस की साफ-सफाई भी कराई थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया, फिर वही हालत में स्लॉटर हाउस पहुंच गया। इस स्लॉटर हाउस में मांस-मछली विक्रेताओं के न पहुंचने को लेकर कुछ दुकानदारों से चर्चा की तो उनका कहना था कि जीर्ण-शीर्ण हालत वाले स्लॉटर हाउस में कैसे चले जाएं, जहां न तो पानी का इंतजाम है और न सफाई का। नगर पालिका हमसे पैसा वसूलती है तो उसको सुविधाएं भी देना चाहिए। स्लॉटर हाउस में सुविधाएं हों तो हम लोग जाने को तैयार हैं।