यहां बता दें कि शहर के रिहायशी इलाकों में हाइटेंशन लाइन से अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग शिकार हो चुके हैं। जिनमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है। इनमें एक मामला राष्ट्रपति के भाई के परिवार से जुड़ा है। जिसमें एक मासूम बच्चे की मौत हो गई थी। तत्समय खुद राष्ट्रपति भी यहां आए थे। इस दौरान कॉलोनीवासियों ने राष्ट्रपति से की गई शिकायत में बताया था कि उनके घर व छत के नजदीक से हाइटेंशन लाइन निकली है, जिसे अन्य जगह स्थानांतरित करवाया जाए। लोगों की शिकायत पर राष्ट्रपति ने भी तत्कालीन कलेक्टर को समस्या निराकरण के लिए निर्देशित किया था। लेकिन तब से लेकर आज तक इस समस्या को लेकर न तो स्थानीय प्रशासन ने ध्यान दिया है और न ही बिजली कंपनी के अधिकारियों ने सुरक्षा इंतजामों को लेकर कोई कदम उठाया है।
इस इलाके में ज्यादा खतरा रेलवे स्टेशन रोड पर बिजली कंपनी का पावर हाउस स्थित है। यहां से ग्राम सिंगवासा, मावन सहित अन्य गांवों के लिए हाइटेंशन लाइन गई है। गौर करने वाली बात है यह लाइन जिस समय डाली गई थी उस दौरान लाइन के आसपास कोई घर नहीं बने थे। लेकिन बाद में कॉलोनाइजरों ने अपना फायदा देखते हुए कहीं भी सस्ते दामों पर प्लाट काट दिए। जिसका हर्जाना अब लोगों को हाइटेंशन लाइन का टेंशन झेलकर उठाना पड़ रहा है। यहां बता दें कि पावर हाउस से एक नहीं बल्कि तीन तीन हाइटेंशन लाइनें निकली हैं जो इस क्षेत्र के बड़े क्षेत्र को कवर करती हुई मावन गांव तक गई है। इस बीच इलाके में कई लोगों के घर तो ऐसे हैं जहां घरों के अंदर तक खंभेलगे हुए हैं।
सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी हाइटेंशन लाइन को लेकर शासन की गाइडलाइन है, लेकिन नियमों का पालन बिजली कंपनी नहीं कर रही है। इससे न तो लोग अपनी छतों पर जा पा रहे हैं और न ही अपने मकान में नया निर्माण कार्य करवा पा रहे हैं। यहां बता दें कि बिजली कंपनी द्वारा हाइटेंशन लाइन के नीचे सुरक्षा गार्डर नहीं लगाए गए हैं। जो तार टूटने की स्थिति में गंभीर दुर्घटना को रोकने में मदद करता है। जिम्मेदार का नहीं उठा फोन: शहर के रिहायशी से गुजरी हाइटेंशन लाइन से हो रही घटनाएं व सुरक्षा इंतजाम न किए जाने को लेकर जब बिजली कंपनी के एई अमितेश अर्श से उनका पक्ष जानने कई बार फोन लगाया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।