यह बात सामने आते ही कोर्ट में हड़कम् मच गया, इसी बीच सूचना मिलते ही पुलिस के कई वाहन देखते ही देखते सायरन बजाते हुए कोर्ट पहुंच गए, यहां पुलिस फोर्स कोर्ट के चारों तरफ भागती हुई दिखाई दी। यह सब देख वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया।
इसी बीच कोर्ट में बम होने की सूचना आते ही कुछ ही क्षण में यहां से वकील और पक्षकार अपनी जान बचाकर भाग निकले वहां से भागते हैं, फिर अपनी चुस्ती फुर्ती दिखाते हुए पुलिस डीजे कोर्ट और एडीजे कोर्ट में पहुंच गई और कुछ ही देर में आतंकी वेशभूषा वाले चारों को पुलिस पकड़ लिया। उनके पकड़े जाने के बाद वकील और पक्षकार व न्यायिक अधिकारी राहत की सांस ली।
ऐसे समझें पूरा मामला…
दरअसल यह पूरा नजारा था जिला न्यायालय परिसर का, जहां गुना पुलिस ने हाईकोर्ट के निर्देश पर गुना स्थित जिला न्यायालय में मॉक ड्रिल की ट्रायल की।
जिला न्यायालय में मॉक ड्रिल की पूरी तैयारी पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा के निर्देशन में तैयार हुई, जिसके तहत चार पुलिस कर्मी जिनको आतंकवादी वेशभूषा में करीब दोपहर दो बजे जिला न्यायालय परिसर में भेजा गया, जिन्होंने जिला न्यायाधीश और एडीजे को बंधक बनाया, इसकी सूचना मिलने पर एसपी
राहुल लोढ़ा, एएसपी टीएस बघेल,डीएसपी विवेक शर्मा मय पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और पुलिस कर्मियों ने बम की अफवाह फैलाई तो कुछ ही देर में जिला न्यायालय से वकील और पक्षकार गायब हो गए।
इसके बाद हथियारों से लैस और बुलेट प्रूफ जैकिट पहने पुलिस कर्मी जिला न्यायाधीश और एडीजे की कोर्ट में पहुंचे, जहां मौजूद नकाबपोश आतंकवादियों को अपने कब्जे में लिया और उन दोनों न्यायाधीशों को मुक्त कराया।
वहां से चारों नकाबपोश आतंकवादी जो पुलिस कर्मी थे, उनको पुलिस पकड़कर लाई और पुलिस वाहन में बिठालकर रवाना किया। एक पुलिस कर्मी को चोटें आईं, जिसे एम्बुलेंस की मदद से जिला अस्पताल भेजा गया। इसके लिए वज्र वाहन और दमकल भी मौके पर तैनात थीं।
ये होंगे सम्मानित: मॉकड्रिल में डीजे आरके कोष्ठा की जान बचाने के लिए कोर्ट मोहर्रिर प्र.आ. महेश शर्मा को सम्मानित किया जाएगा। एसपी ने मॉक ड्रिल के अभ्यास से पूर्व जिला न्यायधीश से अनुमति ली गई थी। इसके बाद यह अभ्यास किया गया।
डर की वजह से कई पक्षकार वापस नहीं लौटे
अपने-अपने मामलों की सुनवाई के लिए दूर-दराज से आए पक्षकारों से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि पुलिस की मॉक ड्रिल की वजह से हमारे मामले की सुनवाई समय पर नहीं हो पाई। इसके अलावा कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंचे पक्षकारों को जैसे ही आतंकी घुसने की जानकारी लगी और पुलिस की दौड़ भाग देखकर वापस लौट गए। उनका शाम तक इंतजार करना पड़ा।
मॉक ड्रिल से चेक भी हुई कमियां: लोढ़ा
पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए बताया कि गुना जिला न्यायालय की सुरक्षा और कड़ी हो, इसको लेकर हाईकोर्ट ने हमको जिला न्यायालय की सुरक्षा की जांच करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए हमने मॉक ड्रिल की ट्रायल यहां के लिए रखी थी।
सुरक्षा व्यवस्था की जांच के लिए हमने चार पुलिस कर्मी नकाबपोश पहनाकर हथियार समेत भेजे थे, जिन्होंने यहां भयभीत वाला वातावरण बनाया, जिसकी सूचना पर हम पुलिस लाइन से फोर्स लेकर आए और बंधक बनाने वालों को हमने पकड़ा।
इस मॉक ड्रिल में हमारे विभाग की कुछ कमियां सामने आईं, जिनको दूर किया जाएगा। जब पुलिस अधीक्षक लोढ़ा से पूछा गया कि किस तरह की कमी सामने आई तो उनका कहना था कि बुलेट प्रूफ और हथियार जिस गति से आना थे, वह नहीं आए, इसके अलावा कुछ कमियां और दिखीं, लेकिन पुलिस ने इस ट्रायल में जो साहस, चुस्ती के साथ आरोपियों को पकड़ा, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।