scriptरात में नहीं जलाए जा रहे अलाव, रैन बसेरा में रात 12.15 बजे मिला ताला | The bonfire is not being lit at night, the lock was found in the night | Patrika News

रात में नहीं जलाए जा रहे अलाव, रैन बसेरा में रात 12.15 बजे मिला ताला

locationगुनाPublished: Dec 07, 2019 02:31:10 pm

Submitted by:

Mohar Singh Lodhi

कोई ठंडे चबूतरे पर रजाई ओढ़े बैठा था तो कोई दुबककर गहरी नींद में दिखा। न कहीं अलाव दिखा और ना ही रैन बसेरा नजर आया।

रात में नहीं जलाए जा रहे अलाव, रैन बसेरा में रात 12.15 बजे मिला ताला

बस स्टैंड

गुना. 5-6 दिसंबर की रात में 12 बजे 11 डिग्री तापमान में लोग खुले आसमान के नीचे रात बिताते मिले। कोई ठंडे चबूतरे पर रजाई ओढ़े बैठा था तो कोई दुबककर गहरी नींद में दिखा। न कहीं अलाव दिखा और ना ही रैन बसेरा नजर आया।
ये नजारा था जिला अस्पताल परिसर का। जहां हर दिन मरीजों के दर्जनों अटेंडर कड़ाके की सर्दी में रात बिताने मजबूर हैं। तीन दिन से रात का पारा 10 से 11 डिग्री के बीच बना हुआ है, लेकिन नपा ने अलाव के इंतजाम नहीं किए। बस स्टैंड पर लोगों ने कचरे को अलाव बनाकर सर्दी को दूर किया तो रेलवे स्टेशन पर यात्री ठिठुरते मिले। रात में ही सबसे ज्यादा ट्रेन हैं। इसके बाद भी यहां पर सर्दी से बचाव की व्यवस्थाएं नजर नहीं आईं।


अस्पताल में नहीं कोई व्यवस्थाएं
अस्पताल में रात के समय हर तरह के मरीज पहुंचते हैं। सड़क हादसे के साथ प्रसूताएं रात में अस्पताल पहुंचती हैं। लेकिन उनके साथ पहुंचने वाले मरीजों के अटेंडरों को सुविधाएं नहीं हैं। यहां पर मरीजों के परिजनों को ठहरने कोई व्यवस्था नहीं है। 400 बिस्तर के इस अस्पताल में सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। इसके बाद भी यहां पर सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।


रात 12.30, ताले में कैद मिला रैन बसेरा
रात 12.30 बजे जज्जी बस स्टैंड का रैन बसेरा ताले में कैद मिला। सिटी बस के ऑफिस के बाहर 4-5 लोग खड़े थे। लेकिन उनके पास भी अलाव नजर नहीं आया। नपा ने यहां रैन बसेरा घोषित किया है, लेकिन मुसाफिरों के लिए सुविधाएं नहीं हैं। न तो पर्याप्त रोशनी है और ना ही गेट पर घंटी है, जिसका उपयोग कर रैन बसेरा के भीतर अगर कोई सो रहा हो तो उसे उठाया जा सके। सूत्र सेवा की बस चलने से यहां रात में भी चहल-पहल रहती है। बावजूद इसके ध्यान नहीं दिया जा रहा।

रात में नहीं जलाए जा रहे अलाव, रैन बसेरा में रात 12.15 बजे मिला ताला

रात 1.00 कचरे को बनाया अलाव
बस स्टैंड पर रात 10 बजे से 1.30 के बीच सबसे अधिक चहल-पहल रहती है। ग्वालियर, इंदौर के लिए वीडियो कोच बसें गुजरती हैं। साथ ही गुना से भी विभिन्न रूटों के लिए बस जाती हैं। इस वजह से यहां पर 200 से 300 लोग बने रहते हैं। लेकिन यहां भी सर्दी से बचाने अलाव का इंतजाम नहीं कराया है। बस स्टैंड पर इधर-उधर पड़े कचरे को लोगों ने बीनकर अलाव बनाया और उससे सर्दी को दूर किया। इनमें कई खतरनाक पालीथिन भी हैं, जो लोगों की सेहत को बिगाड़ सकती हैं।

रात में नहीं जलाए जा रहे अलाव, रैन बसेरा में रात 12.15 बजे मिला ताला

रात 1.30, स्टेशन पर भी ठिठुरते मिले लोग
रेलवे स्टेशन पर रात के समय सर्दी से बचाने कोई इंतजाम नहीं हैं। जबकि रात में सबसे ज्यादा ट्रेन हैं। रात 11.30 बजे से 5 बजे के बीच ग्वालियर इंदौर एक्सप्रेस, भिंड इटावा एक्सप्रेस, इंदौर-भिंड एक्सप्रेस, दयोदय एक्सप्रेस, जबलपुर एक्सप्रेस, भोपाल जोधपुर एक्सप्रेस आदि ट्रेन हैं। रात में कोटा से आने वाली दयोदय 8 घंटे देरी से आई। इस वजह से कई यात्री रात में इंतजार करने के बाद चले गए। उनको ठंड में ही रुकना पड़ा। बाहर आटो वालों के पास भी अलाव नहीं दिखाई दिया।

ये है रात में पारा की स्थिति
दिन न्यूनतम पारा
6 दिसंबर 11.6
5 दिसंबर 10.8
4 दिसंबर 11.1
3 दिसंबर 10.6
2 दिसंबर 15.6
1 दिसंबर 15.0

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