लंच से पहले ही गायब, बाद में मिलने की कोई गारंटी नहीं
जिला अस्पताल की ओपीडी से कुछ डॉक्टर ज्यादातर समय गायब ही रहते हैं। यह हकीकत पत्रिका टीम द्वारा बीते तीन दिन लगातार की गई मॉनीटरिंग में सामने आई है। लंच का समय दोपहर 1.15 बजे है लेकिन शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मनीष जैन, डॉ धुव्र कुशवाह अपने कक्ष से गायब मिले। जबकि ओपीडी हॉल में जिनकी डॉक्टर्स की ड्यूटी थी वे मौजूद थे। यहां बता दें जिन डॉक्टर्स को बैठने के लिए अलग से कक्ष निर्धारित हैं वे ज्यादातर समय अपने कक्ष में नहीं मिलते। जब भी मरीज उनके बारे में पूछते हैं तो कह दिया जाता है कि वे भर्ती मरीजों को देखने के लिए गए होंगे। लेकिन जब मरीज वार्ड में उन्हें ढूंढते हुए जाते हैं तो वह वहां भी नहीं मिलते।
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बायोमैट्रिक अटैंडेंस का क्या फायदा
जिस समय सरकारी अस्पतालों में बायोमैट्रिक अटैंडेंस व्यवस्था लागू हुई थी। उस दौरान दावा किया जा रहा था कि अब इस व्यववस्था से डॉक्टर्स व अन्य स्टाफ की लेटलतीफी नहीं चल पाएगी। लेकिन इस व्यवस्था का गंभीरता से अमल भी कुछ ही समय चला। वर्तमान में प्रतिदिन डॉक्टर्स न तो निर्धारित समय पर अस्पताल आ रहे हैं और न ही समय पर जा रहे हैं। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने अब तक किसी भी डॉक्टर्स पर सख्त कार्रवाई अंजाम नहीं दी है। यही कारण है कि बिगड़ी व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है।
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इस समय मरीजों को यह आ रही परेशानियां
ओपीडी हॉल में 6 डॉक्टर बैठते हैं इसलिए मरीजों को देर से ही सही लेकिन एक न एक डॉक्टर मिल ही जाता है। असली परेशानी विशेषज्ञ डॉक्टर को खोजने में मरीजों को आ रही है। क्योंकि वे अपने निर्धारित कक्ष से ज्यादातर समय गायब ही रहते हैं।
सभी भर्ती मरीजों को डॉक्टर नहीं दिखते। पर्चा पर दवा लिख औपचारिकता पूरी कर चले जाते हैं। मरीज से कोई फीडबैक नहीं लेते।
वार्ड में भर्ती कई मरीजों ने बताया कि उन्हें तीन दिन हो चुके हैं लेकिन कोई जांच नहीं कराई।
जांच रिपोर्ट मिलने में भी काफी देरी हो रही है।
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सिटीजन चार्टर के तहत यह मिलनी चाहिए सुविधाएं
ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने पर्चा बनना : 15 मिनट
भर्ती पर्चा बन जाना चाहिए : 10 मिनट
चिकित्सक से परामर्श लेने का समय : 20 मिनट
दवा वितरण : 30 मिनट
प्रयोगशाला जांच, नमूनाकरण तथा रिपोर्ट प्राप्ति : 30 मिनट
जांच प्रक्रिया
एक्सरे व सोनोग्राफी : 20 मिनट
अस्पताल से छुटटी : 2 घंटे
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की उपलब्धता : छुट्टी के समय
शिकायतों का निवारण : 7 दिन या उसी दिन (रोगी के प्रबंधन से संबंधित है तो)
जैव चिकित्सा अपशिष्ठ निष्पादन : 48 घंटे