अस्पताल से पहुंचकर मनाया पत्नी का हैप्पी बर्थडे
मैं भुल्लनपुरा के मिडिल स्कूल से सेवानिवृत्त हुआ हूं। 20 अप्रैल तक मैं और मेरी पत्नी कमला शरीर से पूरी तरह स्वस्थ्य थे। मेरी पत्नी को बुखार आया, उसकी ऑक्सीजन कम होने लगी तो मैं उसको लेकर जिला अस्पताल दौड़ा, वहां भर्ती कराया। इसके दो दिन बाद मेरी भी रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आ गई। मुझे भी मेरे परिजनों ने दो दिन बाद जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती करा दिया। हम दोनों कोविड बार्ड में भर्ती हो गए। यहां मेरा इलाज करने डा. सुनील यादव आए तो उन्होंने मुझे पहचान लिया और बोले गुरुजी आपको भी कोरोना हो गया। बस इसके बाद डा. सुनील यादव ने स्वयं मेरी और पत्नी की देखभाल की इलाज कराया।
रात के समय यहां डॉ. अंकित उपाध्याय की ड्यूटी रहती थी, उन्होंने भी मेरी चिंता की और हम दोनों स्वस्थ्य हो गए। खाने की बात है तो वहां सुबह दूध, नाश्ता और दोपहर व शाम को खाना मिलता है। हां खाना मरीजों के हिसाब से जो मिलना चाहिए, वह मिला। अस्पताल में रहकर जो मुझे अनुभव मिला कि डॉक्टर सुनील यादव ने मुझे चिकित्सा सुविधा दिलाकर शिष्य का धर्म निभाया।
29 अप्रैल को हम दोनों को बताया कि आज दोनों को रिलीव किया जा रहा है। हम दोनों के चेहरे पर खुशियां छा गईं, इसकी वजह ये थी कि उस दिन मेरी पत्नी कमला का जन्म दिन था, जिसको हम हर बार दोनों मिलकर मनाते रहे हैं। पहले तो हमें लगा कि जन्म दिन इस बार मना पाएंगे या नहीं। हम अस्पताल से रिलीव होकर घर पहुंचे। शाम के समय जन्म दिन धूमधाम से मनाया। कोरोना होने के बाद हमारी अस्पताल से छुट्टी होना और घर पर जन्म दिन मनाना तब तक जीवन रहेगा, जब तक याद रहेगा।
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कोरोना के मरीजों को यह करना चाहिए
मुझे जो कोरोना संक्रमण काल में अनुभव हुआ उस हिसाब से जैसे ही मालूम पड़े कि कोरोना हो गया है।उसके बाद स्वयं अपने आपको होम आइसोलेट कर लें। सांस लेने में दिक्कत हो तो अस्पताल चले जाएं। नारियल का पानी पीएं, मनपसंद गीत सुने और अधिक से अधिक योगा करें।यह कोरोना से मुक्त कराने में सबसे ज्यादा सहायक होते हैं। कमला करोंट ने कहा कि कोरोना में घबड़ाना नहीं चाहिए। ऑक्सीजन को जरूर माप यंत्र के जरिए मापते रहें और अपनी पसंद की हर चीज खाएं।
( जैसा कि हमें कोरोना पॉजीटिव हुए घोसीपुरा निवासी रिटायर्ड शिक्षक गोपाल करोंट और उनकी पत्नी कमला ने बताया)
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कोरोना से डरे नहीं, उसका मुकाबला करें
यह बात सही है कि कोरोना भयावह रूप ले रहा है। इससे मरने वालों की संख्या की अपेक्षा ठीक होने वालों की संख्या अधिक है। पांच-छह दिन पूर्व मैं अपने भाई के साथ कोरोना की जांच कराने जिला अस्पताल पहुंचा, वहां जांच कराई तो जिसको बुखार आ रहा था, उसकी रिपोर्ट तो निगेटिव आई, मेरी रिपोर्ट पॉजीटिव आई, जबकि मुझे केवल जुकाम था। रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद मैं नहीं घबड़ाया।मैंने अपने आपको कमरे में कैद किया। बस योगा करता रहा, दोनों समय खाना खाया। न मैंने काढ़ा पीया और न गरम पानी। कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट आने के पहले धार्मिक और मनपसंद गीत सुनता रहा, अपनी मस्ती में मस्त रहा। मुझे मालूम ही नहीं पड़ा कि कब मैं ठीक हो गया। चार दिन जरूर अपने आपको बंद रखा। मैं तो यही कहूंगा कि कोरोना से डरो नहीं इसका मुकाबला करो, कोरोना को लेकर दुष्प्रचार सोशल मीडिया पर चल रहा है, उससे अपने आपको बचा कर रखें।
( जैसा कि ग्राम पंचायत मानपुर निवासी विश्ववीर सिंह यादव ने बताया )