उल्लेखनीय है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश दिया जाता है। लेकिन इस बार जुलाई माह आधा बीत जाने के बाद भी बच्चों को स्कूलों में प्रवेश नहीं मिल सका है।
लॉटरी के लिए पहले 30 जून और फिर 5 जुलाई की तारीख दी गई थी। लेकिन दोनों ही तिथियों में लाटरी नहीं हुई। 10 जुलाई को लॉटरी के माध्यम से सीटों का आवंटन किया गया, लेकिन सूची 13 जुलाई तक नहीं आई। जिसके कारण जिले में घोषित सीटों केे विरुद्ध बच्चों को आवंटित सीटों की जानकारी अभी तक नहीं लग सकी है।
नहीं पहुंचे एसएमएस, चक्कर काट रहे हैं लोग
सूची न मिलने के साथ ही अभिभावकों को एसएमएस भी प्राप्त नहीं हो रहे हैं। जिसके चलते अभिभावक प्रतिदिनि कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। गुरूवार को भी कई अभिभावक आवंटन की जानकारी लेने डीपीसी कार्यालय पहुंचे थे। कार्यालयों में जो लोग आ रहे हैं,
उन्हें आवंटन फार्म निकालने की प्रक्रिया बताकर कंप्यूटर सेंटरों से फार्म डाउनलोड करने को कहा जा रहा है। वहीं आवेदक द्वारा आरटीई पोर्टल पर आवेदन नंबर, मोबाइल नंबर व जन्म दिनांक आदि डालकर आवंटन फार्म डाउनलोड किया जा सकता है।
सत्यापन शुरू
जिले में आवंटन सूची के बगैर ही सत्यापन का कार्य शुरू कर दिया गया है। जिले भर में 150 सत्यापन अधिकारी तैनात किए गए हैं। वहीं अकेले गुना में ही 65 अधिकारियों को सत्यापन का काम सौंपा गया है। शुक्रवार को जब पत्रिका टीम डीपीसी कार्यालय में बने सत्यापन कक्ष में पहुंची तो वहां अधिकांश टेबलें खाली नजर आईं। पूछने पर बताया गया कि अभिभावक कम आने के कारण वे नहीं बैठे हैं, कहीं चाय-पानी के लिए चले गए। जिले में 12 व 13 जुलाई को 195 आवेदकों के दस्तावेजों का सत्यापन किया गया। जानकारी के अभाव में सत्यापन के लिए भी लोग कम पहुंच रहे हैं।
16 जुलाई तक आवेदकों द्वारा पोर्टल से आवंटन पत्र डाउनलोड करना
12 से 25 जुलाई तक सत्यापन केन्द्रों पर दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा और पात्र एवं अपात्र बच्चों की सूची बीआरसीसी भेजी जाएगी, बीआरीसी इसे पोर्टल पर अपलोड करेगा
पात्र बच्चों का स्कूलों मे प्रवेश एवं स्कूल द्वारा प्रवेशित बच्चों की पोर्टल पर आधार सत्यापन के माध्यम से प्रविष्टि का समय 14 से 30 जुलाई तक रहेगा।
शिक्षा का अधिनियम (आरटीई) के तहत नि:शुल्क प्रवेश के लिए जिले में 568 स्कूलों ने कुल 7 हजार 713 सीटें घोषित की थीं। लेकिन इसके विरुद्ध 2 हजार 434 सीटों पर आवेदन ही प्राप्त नहीं हुए। ये सीटें पहले ही खाली हैं और अब जानकारी न मिलने से आवंटित सीटों के भी खाली रह जाने की संभावना बनी हुई है। क्योंकि ज्यादातर बच्चों के प्रवेश विभिन्न शालाओं में करवाए जा चुके हैं।