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बमोरी क्षेत्र में बाहर से आने वालों की संख्या सबसे अधिक इसलिए लोग दहशत में

राजस्थान, दिल्ली, जम्मू, गुजरात सहित यूपी से सैकड़ों मजदूर लौट चुके अपने गांवजिन मजदूरों को क्वारेंटाइन में रखा, उनके परिवारजनों से दुकानदार दहशत में

गुनाApr 04, 2020 / 09:22 pm

Narendra Kushwah

बमोरी क्षेत्र में बाहर से आने वालों की संख्या सबसे अधिक इसलिए लोग दहशत में

बमोरी क्षेत्र में बाहर से आने वालों की संख्या सबसे अधिक इसलिए लोग दहशत में

गुना. मध्यप्रदेश में भले ही अब तक 121 लोगों की पहचान कोरोना संक्रमित के रूप में हो चुकी है लेकिन इस मामले में गुना जिला अब तक सुरक्षित बचा हुआ है। जिससे स्थानीय प्रशासन व आमजन में राहत है। वहीं जिले की बमोरी विधानसभा के ग्रामीण अंचल में आमजन के साथ-साथ दुकानदार ही नहीं डॉक्टर भी दहशत में है। इस डर की मुख्य वजह स्थानीय सैकड़ों मजदूरों का देश के अलग-अलग प्रदेशों से लौटना है। इनमें से अधिकांश मजूदरों की स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग ने की है तथा बड़ी संख्या में मजदूरों को होम क्वारेंटाइन में रहने के लिए चिन्हित किया है। इनके घरों पर विभाग ने बकायदा होम क्वारेंटाइन रहने की सूचना भी चस्पा की है। जिसकी वजह से ही न सिर्फ आसपास रहने वाले व्यक्ति बल्कि दुकानदार से लेकर डॉक्टर तक दहशत में आ गए हैं। जिसके कारण क्वारेंटाइन पीरियड में रहने वाले मजदूरों के परिजनों को दुकानदार किराना राशन तक नहीं दे रहे हैं। इसी तरह डॉक्टर भी इलाज करने से पीछे हट रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक देश के अलग-अलग राज्यों में मजदूरी करने जाने वालों की सबसे ज्यादा संख्या गुना जिले की बमोरी विधानसभा से है। स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक बमोरी क्षेत्र के दर्जनों गांव में रहने वाले हजारों मजदूर चैत काटने (रबी फसल) के लिए राजस्थान, जयपुर, अजमेर, उदयपुर, उत्तरप्रदेश, जम्मू, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली सहित कई राज्यों में जाते हैं। 22 मार्च को जनता कफ्र्यू के बाद देश भर में 21 दिन का लॉक डाउन घोषित हो गया। जिसके बाद बमोरी विधानसभा से गए मजदूर देश के अलग-अलग राज्यों से समूहों के रूप में लौटने लगे। शुरूआत में प्रशासन ने जिले की अंतर्राज्जीय सीमाएं पूरी तरह से सील नहीं की थी इसलिए काफी मजदूर बिना स्क्रीनिंग के ही गुना आ गए थे, जबकि कुछ मजदूर सीमा पर रोके जाने के बाद जंगल के रास्ते पैदल ही अपने गांव पहुंच गए। बाहर से आए मजदूरों की जानकारी जब स्थानीय ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी तब जाकर उनकी स्क्रीनिंग हो सकी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक बाहर से आने वाले यात्रियों की संख्या 4 हजार 860 है। जबकि पुलिस प्रशासन द्वारा बनाए गए चैक पोस्ट व नाकों पर की गई स्क्रीनिंग की संख्या 2 हजार 188 है। वहीं स्क्रीनिंग के बाद लक्षण के आधार पर 2 हजार 820 लोगों को होम क्वारेंटाइन के लिए चिन्हित किया गया। इनके घर पर बकायदा होम क्वारेंटाइन रहने की सूचना भी चस्पा करवाई गई है।

ग्रामीणों ने ही दी थी थाईलैंड से आए युवक की सूचना
बमोरी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण बाहरी लोगों से कितनी दहशत में हैं कि इसका एक उदाहरण बीते दिनों ग्राम बरसाती में देखने को मिला था। जैसे ही ग्रामीणों को सूचना मिली कि उनके गांव राजस्थान, दिल्ली, अजमेर व दिल्ली से बड़ी संख्या में मजदूर लौटे हैं। उन्होंने तत्काल स्थानीय पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद स्वास्थ्य अमले ने गांव में पहुंचकर एक साथ 30 मजदूरों की थर्मोस्केल से जांच की। इसके अलावा नजदीक गांव में थाईलैंड से आए एक युवक का चैकअप भी किया गया। जांच दल में शामिल डॉक्टर के अनुसार इन लोगों में भले ही शुरूआती दौर में कोई लक्षण सामने नहीं आए फिर भी उन्हें 14 दिन होम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह दी गई है। क्योंकि कोरोना वायरस के लक्षण 14 दिन तक ही सामने आते हैं।

यह बोले ग्रामीण
हमारे बरसाती गांव सहित आसपास के कई गांव में सैकड़ों मजदूर राजस्थान, दिल्ली सहित अन्य राज्यों से आए हंै। इनमें से बरसाती गांव के 30 मजदूरों को विभाग ने घर पर ही रहने की सलाह दी थी। इनके घर पर भी सूचना चिपका दी गई है। अब इनके घर से यदि कोई भी व्यक्ति दुकान पर सामान लेने जाता है तो उसे सामान नहीं दिया जाता। इसी तरह प्राइवेट डॉक्टर भी ग्रामीणों के बच्चों को इलाज नहीं कर रहे हैं। सरकारी अस्पताल में पहले से ही इलाज मिलना बंद हो गया है।
कमलेश नायक, ग्रामीण

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