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नगर पालिका के घोटालों से जुड़ी आठ फाइलों का दो साल बाद भी नहीं हो पाया खुलासा

locationगुनाPublished: Oct 20, 2021 02:02:29 pm

Submitted by:

praveen mishra

सिटी कोतवाली में तत्कालीन प्रशासक के आदेश के बाद दर्ज कराई थी रिपोर्ट-खरीदी, कर्मचारियों की भर्ती, एनजीओ और परमीशन की थीं ये फाइलेंखुले आम घूम रहे हैं दोषी अफसर और कर्मी

सिटी कोतवाली में तत्कालीन प्रशासक के आदेश के बाद दर्ज कराई थी रिपोर्ट

सिटी कोतवाली में तत्कालीन प्रशासक के आदेश के बाद दर्ज कराई थी रिपोर्ट

गुना। नगर पालिका शुरूआत से ही घोटालों का अड्डा रहा है। पिछले दो वर्ष पूर्व नगर पालिका से खरीदी, कर्मचारियों की भर्ती, लक्ष्मीगंज स्थित एक होटल की परमीशन की फाइल, एनजीओ और परमीशन समेत आठ महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गई थीं। इन फाइलों में लाखों रुपए की हेरा-फेरी का उल्लेख था। उस समय के तत्कालीन प्रशासक ने तत्कालीन सीएमओ संजय श्रीवास्तव के जरिए सिटी कोतवाली ने अज्ञात चोर के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस सबके दो साल बाद भी न तो पुलिस उन फाइलों को ढूंढ़ पाई और न ही नगर पालिका में वे फाइल मिल पाईं। कुल मिलाकर लाखों रुपए का गोलमाल उन फाइलों के गुम होने के साथ ही दफन हो गया। इन घोटालों में शामिल अफसरों पर न तो राज्य शासन ने कोई कार्रवाई की और न ही पुलिस कार्रवाई कर पाई।
सूत्रों ने बताया कि सन् 2019 में 30 मई से 29 दिसंबर के बीच इन फाइलों को ढूंढ़ा गया है, लेकिन उनका पता नहीं चला है। इसमें बड़ा सवाल ये सामने आ रहा है कि फाइल को एक जगह से दूसरी जगह तक रखने की पूरी प्रक्रिया होती है। इसके बाद भी फाइल गायब हो गईं या गायब करवा दी गईं हैं, ये सवाल खड़ा हो गया है। जो फाइल गायब हुई हैं। उन मामलों पर आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं।
फाइलों से पकड़ी जा सकती है गड़बड़ी
सूत्र बताते है कि नपा में फिनाइल, कीटनाशक, पायराथ्रम सहित पाउडर खरीदने में लाखों का बजट ठिकाने लगाया है। कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार के नाम पर भी करोड़ों रुपए के घोटाले का मामला सामने आया था। लेकिन ये उजागर हो पाता, उससे पहले ही संबंधित फाइल गायब हो गई थीं। हजारों रुपए लेकर नगर परिषद के आदेश को दरकिनार कर नेताओं की सिफारिश पर रखे गए कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले में अफसरों की सांठगांठ के चलते वेतन भी मिल गया और उनकी नौकरी भी बच गई।
नपा ऑफिस से ये फाइल हुई हैं चोरी
– लक्ष्मीगंज स्थित एक होटल के संबंध में अनुमति की फाइल।
-फिनाइल खरीदी संबंधी फाइल।
-कीटनाशक पाउडर संबंधी फाइल।
-पायराथ्रम संबंधी फाइल।
-कचरा गाड़ी खरीदी संबंधी फाइल।
-फेनोलिक, कार्बोलिंक, क्रोसलिक पाउडर खरीदी संबंधी फाइल
-पाउडर की नोटशीट।
-कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार वित्तीय वर्ष 2018-19 की फाइल।
लोकायुक्त में भी की थी शिकायत
सूत्र बताते हैं कि आजीविका शहरी विकास मिशन में एक एनजीओ को बगैर अनुमति के एक करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान हो जाने का मामला कुछ समय पूर्व गरमाया था। जिसको लेकर नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष राजेन्द्र सलूजा ने लोकायुक्त में शिकायत कर इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की थी। समझा यह जा रहा है कि इस भुगतान में हुआ घोटाले का कहीं खुलासा न हो जाए, इसके लिए नगर पालिका के ही एक-दो अधिकारियों ने फाइल गायब करना बता दिया हो। इस संबंध में जब नगर पालिका के सीएमओ तेजसिंह यादव से पूछा गया तो उनका कहना था कि मेरे कार्यकाल से पहले का मामला है, पुलिस ने भी इस संबंध में अभी तक कोई पूछताछ नहीं की है। उधर सिटी कोतवाली प्रभारी एमएम मालवीय का कहना था कि इस मामले को दिखवाकर कार्रवाई कराते हैं।
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