जानकारी के मुताबिक गर्मी का सीजन शुरू होते ही एक समय नगर पालिका व सामाजिक संस्थाएं मूक पशुओं के लिए पेयजल की व्यवस्था करती थी। इसके लिए सड़क किनारे व सार्वजनिक स्थानों पर हौदी व पानी की टंकियां रखवाते थे और उनमें समय समय पर पानी भी भरा जाता था। लेकिन इस बार न तो नगर पालिका और न ही किसी सामाजिक संस्थाओं ने इन मूक पशुओं के बारे सोचा है। गौर करने वाली बात है कि इस मामले को लेकर जब नपा प्रशासन से बात की गई तो उन्होंने मूक पशुओं की मदद में आचार संहिता को बाधा बताया। अब ऐसे में मूक पशुओं की मदद सिर्फ समाज सेवी संस्थाएं ही कर सकती हैं।
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प्याऊ के पास हौदी रखें तो होगी मदद
शहर में बस स्टैंड से लेकर तिराहे, चौराहे पर अब तक कोई प्याऊ नहीं खोली गई है। यदि आगामी समय में कोई भी समाज सेवी संस्था प्याऊ लगाती है तो वहां सिर्फ एक टंकी रखकर मूक पशुओं की मदद कर सकती है।
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गर्मी शुरू होते ही शहर के जिन इलाकों में पेयजल संकट है। वहां नगर पालिका टैंकर भेजकर जलापूर्ति कर रही है। क्योंकि वहां के लोग फोन कर अपनी समस्या बता देते हैं लेकिन मूक पशु अपनी प्यास किसी को नहीं बता पा रहे हैं। ऐसे में इंसान को पशुओं के बारे में सोचना होगा और उन्हें पेयजल की व्यवस्था करनी होगी।
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इस समय आचार संहिता ने हमारे हाथ बांध दिए हैं। इसलिए हम चाहकर भी इस समय मूक पशुओं के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं कर सकते हैं। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद ही हम इस दिशा में कोई कदम उठा पाएंगे।
संजय श्रीवास्तव, सीएमओ नगर पालिका गुना