ट्रेन रात में करीब ९.३० बजे गुना रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी। जहां पीछे की बोगियों में सवार यात्रियों ने उल्टी व पेट दर्द की शिकायत की। सूचना पर रेलवे के डॉ. अरुण पंत मौके पर पहुंचे और यात्रियों का स्वास्थ्य जांचा, जिसके बाद कुछ यात्री लौट गए, तो कुछ खाने की गुणवत्ता खराब बताते हुए हंगामा करने लगे। यात्रियों का कहना था कि खाना खाने के बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ी है। हंगामे के बीच ही ट्रेन में खाना सप्लाई करने वाले वेंडर भाग गए।
पुलिस की सूचना पर रेलवे के फूड विभाग के कर्मचारी सेंपल लेने पहुंचे, लेकिन वे बिना तैयारी के ही सेंपल भरने आ गए। स्टेशन पर पहुंचकर पता चला कि सेंपल में मिलाने के लिए केमिकल नहीं है। इसके बाद एक व्यक्ति को केमिकल लेने भेजा गया। करीब १५-२० मिनट तक बाकी की टीम खड़ी होकर इंतजार करती रही। केमिकल आने के बाद सेंपल लिए जा सके।
इस पूरे घटनाक्रम के कारण ट्रेन करीब डेढ़ घंटे तक रेलवे स्टेशन पर ही खड़ी रही। जिससे ट्रेन में सवार यात्रियों के साथ ही प्लेटफार्म में अन्य ट्रेनों का इंतजार कर रहे यात्री भी परेशान हुए। कई यात्री ट्रेन के चलने को पूछताछ करते नजर आए तो वहीं रेलवे स्टेशन पर बैठे यात्री भीड़ लगाकर तमाशा देखते रहे। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों के साथ यात्रा कर रहे लोगों ने उठाई।
ठेकेदार ने नियमों को दरकिनार किया
रेलवे के ठेकेदार नियमों को दरकिनार कर मनमानी पूर्वक काम कर रहे हैं। जिस पर रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। घटना के समय ही मौके पर पहुंचे शिवपुरी डीसीआई एसके टंडन ने बताया कि यात्रियों ने ग्वालियर से खाना ऑर्डर किया होगा और शिवपुरी से ट्रेन में खाना चढ़ाया गया होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खाना रेल परिसर से बाहर से आया होगा। ये खाना केंटीन का नहीं है। यानी अधिकारी खुद नियमों के उल्लंघन की बात जानते हैं, लेकिन मनमानी रोकने के लिए कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सीमा से बाहर भी सप्लाई
रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों का ठेकेदारों की मनमानी पर कोई ध्यान नहीं है। गुना में भी खाद्य व पेय पदार्थों की सप्लाई रेल परिसर के बाहर से की जा रही है। यहां एक रेलवे पुलिसकर्मी के मकान को ठेकेदार ने किराए पर ले रखा है। उसके पास मक्सी से गुना के बीच पानी की बॉटल, चिप्स, बिस्किट, नाश्ता आदि सप्लाई का ठेका है, लेकिन ठेकेदार खाना भी सप्लाई कर रहा है और अपने सीमा क्षेत्र के बाहर जाकर दोनों तरफ से भी काम कर रहा है। जो ट्रेनें उसकी सूची में नहीं है, उनमें भी ठेकेदार द्वारा सप्लाई की जा रही है।