पिछले साल 32 हजार ने तो इस बार 26 हजार विद्यार्थी ही देंगे परीक्षा
गुनाPublished: Feb 22, 2021 09:55:52 pm
6 हजार विद्यार्थियों ने नहीं भरा बोर्ड परीक्षा के लिए फार्म
पिछले साल 32 हजार ने तो इस बार 26 हजार विद्यार्थी ही देंगे परीक्षा
गुना. इस बार हाई व हायर सेकेंडरी की परीक्षा देने 26 हजार विद्यार्थियों ने ही फार्म भरा है। जबकि बीते साल यह संख्या 32 हजार थी। यानि कि सीधे 6 हजार परीक्षार्थी कम हो गए। परीक्षा में न बैठने वाले विद्यार्थियों की यह संख्या सामान्य नहीं है। जिसे लेकर विभाग भी चिंतित है। अधिकारी इसका मुख्य कारण कोरोना को बता रहे हैं। जिसकी वजह से विद्यार्थियों की न सिर्फ पढ़ाई प्रभावित हुई है बल्कि उनके परिवार को गंभीर आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ा है।
कोरोना का संक्रमण इतना व्यापक था कि शायद ही ऐसा कोई सेक्टर हो जो इससे प्रभावित न हुआ हो। लेकिन सबसे ज्यादा इसका इफेक्ट विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ा है। खासकर बोर्ड क्लास कक्षा 10 वीं 12 वीं के विद्यार्थियों पर। इनमें उन छात्र-छात्राओं की संख्या ज्यादा है जो गांव के रहने वाले हैं और शहर में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई करते थे। कुछ ऐसे भी विद्यार्थी थे जो वाहन के जरिए प्रतिदिन अप डाउन भी करते थे। लेकिन कोरोना संक्रमण ने उपजी समस्याओं ने उनकी इस पढ़ाई व्यवस्था को पूरी तरह से ठप कर दिया। जिससे अब तक वह बाहर नहीं आ सके हैं।
शासन-प्रशासन की तरफ से भले ही सबकुछ सामान्य हो गया हो लेकिन अब भी पढ़ाई व्यवस्था पहले जैसी सुचारू रूप से शुरू नहीं हो पाई है। कम समय में अच्छी पढ़ाई का बच्चों पर काफी दबाव है। इन सभी कारणों के चलते ही इस बार 6 हजार विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षा देने फार्म तक नहीं भरा है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल की हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी की परीक्षा का टाइम टेबिल जारी हो गया है। जिसके तहत कक्षा 10 वीं की परीक्षाएं 30 अप्रैल 17 मई तक जबकि कक्षा 12 वीं की परीक्षा 1 मई से 18 मई तक कराना निर्धारित किया गया है। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी इस बात पर विचार चल रहा है कि दोनों परीक्षाएं एक साथ कराई जाएं। यदि ऐसा होता है तो हाईस्कूल का टाइम टेबिल बदल सकता है।
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विद्यार्थी घटे तो परीक्षा केंद्र भी हो गए कम
पूरी शिक्षण व्यवस्था पर कोरोना का काफी ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है। सबसे पहले तो बीते साल की तुलना में 6 हजार परीक्षार्थी हो गए हैं। इसका असर यह हुआ कि परीक्षा केंद्रों की संख्या घटकर 45 हो गई। जबकि पिछले साल 66 थी। अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने शासन की कोरोना गाइड लाइन का ठीक से पालन कराने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 66 से बढ़ाकर 72 करने की मांग प्रस्तावित की थी। लेकिन विभाग ने बीते साल की तुलना में परीक्षार्थियों की कम संख्या का हवाला देकर केंद्र की संख्या ही घटा दी।