स्पेशल वेटिंग रूम : कहने को गुना स्टेशन पर स्पेशल वेटिंग रूम तो बना है। लेकिन वहां यात्रियों के लिए जो सुविधाएं होनी चाहिए वह नहीं हैं। वेटिंग रूम में एक स्क्रीन होनी चाहिए जिस पर आने वाली ट्रेन की जानकारी दिखनी चाहिए। साथ ही एनाउंसमेंट की जानकारी भी समय-समय पर यात्री को मिल सके कि कौनसे प्लेट फार्म पर कौनसी टे्रन आने वाली है या आ चुकी है।
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टिकट विंडो : गुना से जाने वाली ट्रेनें और यात्रियों की संख्या को देखते हुए प्लेट फार्म की संख्या बढ़ाकर तीन कर दी गई है। लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए न तो टीनशेड का एरिया बढ़ाया और न ही टिकट विंडो। यही कारण है कि आज भी यात्रियों को टिकट लेने प्लेट फार्म क्रमांक एक पर बनी विंडो पर ही जाना होता है। जबकि प्लेटफार्म क्रमांक 2, 3 से लगी दर्जनों कालोनियां हैं। यहां के लोग स्टेशन के प्लेट फार्म क्रमांक 3 की ओर से आते हैं। क्योंकि यह सीधा मार्ग है।
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फुट ओवर ब्रिज : गुना स्टेशन शहर के बीचों बीच स्थित है। रेलवे ट्रेक ने शहर को दो भागों में बांट दिया है। ऐसे में अधिकांश यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचने के लिए काफी लंबा रास्ता तय करना पड़ता है। कई यात्री तो रेलवे ट्रेक को पार कर स्टेशन तक पहुंचते हैं। कई बार ऐसी स्थिति भी बनती है जब जाम की वजह से ट्रेन तक निकल जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए फुट ओवर ब्रिज का होना आवश्यक है।
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लाइफ लाइन एक्सप्रेस : बीना, गुना, शिवपुरी, कोटा, लाइन पर आम यात्रियों की गाड़ियों को बहाल करना अति आवश्यक है। जो पिछले तीन वर्षो से बंद हैं। क्योंकि उक्त लाइन पर सैकड़ो की संख्या में छोटे-छोटे स्टेशन गांव हैं। जहां एक्सप्रेस सुपरफास्ट गाड़िया नही रूकती। उक्त गाड़ियों के बंद होने से उक्त लाइन के मजदूर, व्यापारी, हाट करने वाले दुकानदार, दूध बेचने वाले, अपडाउन करने वाले, व्यापारी, दुकानदार शहर के स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं और आम यात्री गांव से शहर और शहर से गांव नही जा पा रहा है।