नदी में शहर का गंदा पाी शामिल हो रहा है। पालीथिन, कूड़ा-कचरे से नदी भरी पड़ी है। शहर के प्रमुख पुल इसी नदी पर बने हैं। गंदगी की वजह से यहां से निकलने वालों को भी दिक्कत होती है।
स्वच्छता भी नजर नहीं आती
सफाई पखवाड़े की शुरुआत श्रममंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, गुना विधायक गोपीलाल जाटव, कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार और एसपी राहुल लोढ़ा आदि करने पहुंचे थे। मंत्री बोले-बाबा ने रखा था गुनिया नाम शहर के बीच से बहने वाली इस जल रेखा के नाम को लेकर मंत्री सिसोदिया ने खुलासा किया है।
उनका कहना है कि गुना में पहले एक गुनिया बाबा हुआ करते थे, उन्होंने इसका नाम गुनिया नदी रखा। इसके पूर्व नदी के नाम के पीछे गुनैया घास और दूसरी बातें सामने आ चुकी हैं। वर्ष 2015 में जब सफाई को लेकर आंदोलन चला तब इसका नाम सामने आया। इसके पहले लोग इसे बड़े नाले के नाम से ही जानते थे। नपा से नहीं मिली आर्थिक मदद सूत्रों के अनुसार, गुनिया नदी की सफाई करने में नपा से आर्थिक मदद नहीं मिल पाई।
नपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह सलूजा से विवाद की वजह से सीएमओ संजय श्रीवास्तव से पटरी नहीं बैठ पाई। साथ ही अध्यक्ष का कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार से भी विवाद चल रहा है। नपा की मद को किसी काम में लगाने के लिए सीएमओ और अध्यक्ष दोनों मिलकर ही खर्च कर सकते हैं। विधायक ने पकड़ी उल्टी किताब उधर, मिशन-10 गुना नाम से एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
जहां विधायक जाटव किताब को उल्टा पकड़े नजर आए। उद्घोषक ने पहुंचकर किताब को सीधा कराया। हालांकि बाद में विधायक किताब को पढ़ते नजर आ रहे हैं। मिलावट खोरों को भी मत छोड़ो:तुलसी स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने इस मौके पर ग्रीन गुना क्लीन गुना का नारा देकर कहा कि इसके साथ ही शुद्ध के लिए युद्ध के तहत मिलावट खोरों को भी नहीं छोडऩा है। मिलावट खोर गुना के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ग्रीन गुना, क्लीन गुना के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी काम करें। सिलावट के साथ-साथ श्रम मंत्री ने कहा कि किसी भी अभियान या योजना तभी सफल हो सकती है जब वह जन आंदोलन बन जाए।
इस कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार, एसडीएम शिवानी रायकवार, डूडा अधिकारी सोनम जैन ने स्वागत किया। कलेक्टर के बाद मंत्रियों से कराया पुस्तक का विमोचन खास बात ये है कि इस कार्यक्रम में दो दिन पूर्व स्वच्छता मिशन को लेकर जिस पुस्तक का विमोचन कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार से कराया था, उसी पुस्तक का दुबारा विमोचन स्वास्थ्य और श्रम मंत्री से कराया। इसके साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत सफाई व्यवस्था में सहयोग देने वाले नगर पालिका, मंडी आदि के कर्मियों का स मान किया।
वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा काम करने पर एसडीएम शिवानी रायकवार, मिशन टेन से जुड़े पुष्पराग का मंत्रियों ने स मान किया। अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में गुना के भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव को बुलाया था, उन्होंने स्वच्छता मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभियान बताकर प्रशंसा की, जो कांग्रेस के इन मंत्रियों को रास नहीं आई उन्होंने इस अभियान को लेकर कमलनाथ की तारीफ की।
विधायक गोपीलाल और श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया स्वच्छता मिशन को लेकर अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग अलापते रहे। प्रथम नागरिक का किया अपमान शहर के प्रथम नागरिक और नगरपालिका अध्यक्ष राजेन्द्र सलूजा को इस कार्यक्रम में आमंत्रित न करके जहां उनका अपमान आयोजन समिति ने किया, वहीं नगरपालिका उपाध्यक्ष राजू यादव को भी बुलाना मुनासिब नहीं समझा। इसके साथ ही दो पार्षदों को छोड़कर बाकी पार्षद इस कार्यक्रम से गायब रहे। सफाई के बाद बदल गया नजारा गुनिया नदी की सफाई के बाद नजारा बदल गया है।
15 दिन में काफी हिस्सा रिकवर हो सकता
रपटा, शास्त्री पुल और बड़ा पुल के बीच काफी हिस्से में जेसीबी से सफाई हुई है। जेसीबी से नदी को गहरा कर कचरे को दोनों साइड कर दिया है। इससे नदी एक जैसी नजर आने लगी है। इससे नदी की सूरत भी बदल गई है। नदी में पालीथिन और कचरा निकल रहा है। वर्षों से नपा के द्वारा नदी में जगह-जगह कचरा डंप किया जा रहा था। बड़े पुल के पास एक पार कचरे से ही बनी है। तीन दिन की सफाई में नदी काफी हिस्से में एक समान नजर आने लगी है। 15 दिन में काफी हिस्सा रिकवर हो सकता है।