यहां इलाज कराने आए एक मरीज से जब पत्रिका ने पूछा कि जिला अस्पताल क्यों नहीं गए इलाज कराने, इसको लेकर उसका कहना था कि जिला अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं बैठते तो इलाज किससे कराएं। इन डॉक्टर से इलाज कराने को लेकर उनका कहना था कि मजबूरी में यहां इलाज कराने आना पड़ता है।
विवेक कॉलोनी
गुना शहर के विवेक कॉलोनी में जब पत्रिका टीम पहुंची तो वहां बगल-बगल में दो क्लीनिक बगैर बोर्ड लगे हुए दिखाई दिए, एक क्लीनिक पर एक-दो मरीज बैठे थे, एक डॉक्टर का क्लीनिक बंद मिला। यहां भी मौसम वायरल के पीडि़त मरीज इलाज कराते देखे गए।
बजरंगगढ़ में भी कोई रोक-टोक नहीं
बजरंगगढ़ में बगैर डिग्री धारी डॉक्टरों के एक नहीं कई क्लीनिक हैं, एक-दो जगह बोर्ड लगे हुए मिले, बाकी जगह दुकान के अंदर मरीजों का इलाज करते हुए देखे गए। हमारे संवाददाता ने जब वहां बगैर डिग्री धारी डॉक्टर से रजिस्ट्रेशन और डिग्री के बारे में पूछा तो वे किसी भी तरह का जवाब नहीं दे पाए।
मौसमी बीमारी, नहीं मिल पा रहा इलाज
शहर और ग्रामीण के लोगों ने पत्रिका को बताया कि बगैर डिग्री धारी डॉक्टरों की संख्या लगभग एक हजार से ऊपर है, इनमें से चार सौ से अधिक ऐसे बगैर डिग्री डॉक्टर हैं जिन्होंने अपने क्लीनिक के बाहर क्लीनिक का नाम, अपना नाम और डिग्री का उल्लेख करता बोर्ड भी नहीं कहीं नजर नहीं आएगा। उनका कहना था कि मौसमी बीमारियां चल रही हैं, जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से बगैर डिग्री धारी डॉक्टरों के यहां मरीजों की भीड़ लगी हुई देखी जा सकती है।
रूठियाई में चलती मिलीं डॉक्टरों की दुकानें
हमारे रूठियाई संवाददाता के अनुसार रूठियाई में बगैर डिग्री डॉक्टरों के 15 से अधिक क्लीनिक मिले, जिनमें दो-तीन क्लीनिकों पर मरीज बैठे हुए थे, कुछ खाली बैठे हुए थे। जब एक-दो बगैर डिग्री धारी डॉक्टरों से जब रजिस्ट्रेशन और डिग्री के बारे में हमारे संवाददाता ने पूछा तो न वे रजिस्ट्रेशन दिखा पाए और न ही कोई डिग्री।कुछ समय पूर्व राघौगढ़ एसडीएम के नेतृत्व में बगैर डिग्री धारी डॉक्टरों के क्लीनिकों पर छापा मारा था, जिनके क्लीनिक सील मिले थे, बाद में यह क्लीनिक खुल गए थे।
इसी तरह धरनावदा में भी सात-आठ बगैर डिग्री धारी डॉक्टरों के क्लीनिक चलते हुए मिले। कुंभराज और बीनागंज में भी मौसमी बीमारियों के चलते मरीजों का इलाज बगैर डिग्री धारी डॉक्टर इलाज करते मिले।
रजिस्ट्रेशन नहीं, फिर भी कार्रवाई नहीं
बताया जाता है कि जिले भर में एक हजार से अधिक बगैर डिग्री धारी डॉक्टर हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग के पास रजिस्ट्रेशन तक नहीं हैं। इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के नाम पर स्वास्थ्य विभाग ने कई बार रस्म अदायगी की, इसके बाद न तो बगैर डिग्री धारी डॉक्टरों पर रोक लगी और न ही उनके क्लीनिक बंद हुए।
इनका कहना है
– कोरोना, वैक्सीनेशन में व्यस्तता की वजह से इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। जल्द ही एक अभियान चलाकर बगैर डिग्री डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कराएंगे, रजिस्ट्रेशन भी करवाएंगे।
पी. बुनकर सीएमएचओ गुना