संयुक्त मोर्चा ने किया आंदोलन का ऐलान, 28 सितंबर से चार चरणों में होगा
गुनाPublished: Sep 25, 2021 12:53:04 am
अधिकारी-कर्मचारियों की मांगों पर अमल न किए जाने से बनी स्थिति
गुना. मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा द्वारा प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की मांगों पर अमल नहीं किए जाने पर 4 चरण में नए सिरे से आंदोलन करने का ऐलान किया गया है। मोर्चा ने तय किया है कि मांगों का निराकरण नहीं होने की स्थिति में चरणबद्ध आन्दोलन किया जाएगा। जिसके तहत 28 सितम्बर को मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को मांगों से संबोधित सम्बंधित ज्ञापन सभी तहसीलो में अनुविभागीय अधिकारी एवं क्षेत्रीय विधायक को भी दिया जाएगा। इसके बाद 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को,
22 अक्टूबर को प्रदेश व्यापी एक दिवसीय धरना आन्दोलन राजधानी भोपाल में आयोजित कर मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन दिया जाएगा। इसके बाद 28 अक्टूबर एवं 29 अक्टूबर को प्रदेश के सभी कार्यालयों, सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेगें।
मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा गुना के जिलाध्यक्ष आलोक नायक ने बताया कि इसके पूर्व संयुक्त मोर्चा द्वारा प्रदेश व्यापी तीन चरणों के आन्दोलन के तहत 29 जुलाई को प्रदेश के समस्त जिलों के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा सामूहिक अवकाश लेकर शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण करवाया गया था किन्तु शासन द्वारा अधिकारी-कर्मचारियो की मांगों पर कोई आदेश नहीं किया गया और न ही कर्मचारी संगठनों से संवाद किया गया। इससे प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियो में निराशा एवं आक्रोश है।
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यह मांगें अब तक नहीं हुई पूरी
प्रदेश के पेंशनरों, निगम मंडल आदि में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों के समान केन्द्रीय तिथि से 16त्नमहगाई भत्ता का भुगतान तत्काल किया जाए।वेतन वृद्धि का एरियर्स भी दिया जाए।
अधिकारी-कर्मचारियों को सशर्त उच्चतम न्यायालय के निर्णय की प्रत्याशा में पदोन्नतिया अति शीघ्र प्रारम्भ की जाएं।
स्वास्थ बीमा योजना का लाभ मंत्री परिषद् के आदेश दिनांक 4/01/2020 के संदर्भ में दिया जाए।
गृह भाड़ा भत्ता व अन्य भते सातवें वेतन मान अनुसार केन्द्रीय कर्मचारियो के समान दिया जाए।
प्रदेश के विभिन्न संवर्गो की वेतन विसंगति सेवा अवधि अनुसार पदनाम, नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता के निराकरण दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाईकर्मी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नियमितिकरण, अनुकंपा नियुक्ति के सरलीकरण को लेकर एक वरिष्ठ मंत्री की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाए। समिति के निर्णय का तत्काल आदेश हो ऐसा प्रावधान किया जाए।
एनपीएस व्यवस्था बंद कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।