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गुना में वायरल बुखार ने फैलाए पंख, एक साथ तीन बच्चियों की मौत! ये है बचाव के उपाय

वायरल बुखार से मौत हुई मौत,स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

गुनाOct 03, 2018 / 09:52 pm

दीपेश तिवारी

death by drowning

death by drowning

गुना @जावेद खान की रिर्पोट…

जिले के ग्राम पंचायत खेरिखता के ग्राम कुडिने में वायरल बुखार से तीन बच्चियों की मौत हो गई और कई बच्चे बच्चे बीमार है जिनका इलाज चल रहा है। इस घंटना के बाद से प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा गया है।

मरने वाली तीनों बच्चियों की उम्र लगभग 2 वर्ष बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक राशि सहरिया (2), अनिता सहरिया (2) और राजकुमारी सहरिया (2)
की वायरल बुखार से मौत हो गई। बच्चों के मौत के बाद गांव में पुलिस व प्रशासन के अधिकारी पहुंच चुके है। अधिकारियों ने मौत का कारण वायरल बुखार बता रहे है। हालाकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है।

गांव के लोग दहशत में

तीन बच्चियों के मौत के बाद गांव के लोग दहशत में है। लोगों का कहना है कि कई बार अस्पतालों के चक्कर लगा लगा कर लोग परेशान हो जाते है ,लेकिन उसके बाद भी इलाज नहीं हो पता। सरकार दावा तो करती है कि हम लोगों के स्वास्थ्य पर इतना खर्च कर रहे है ,लेकिन उसके बाद भी इलाज नहीं होने के कारण कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ रही हैं।

 

 

रोजाना आ रहे है 2 हजार से अधिक मरीज

स्वास्थ्य विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत पूरे प्रदेश में स्वाइन फ्लू, डेंगू के बाद अब वायरल बुखार का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राजधानी के सरकारी और निजी अस्पतालों की अोपीडी में रोजाना वायरल फीवर और सर्दी-खांसी के रोजाना 2 हजार से ज्यादा मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। वहीं अस्पतालों में 100 से ज्यादा मरीज बुखार के भर्ती हैं।

वायरल फीवर के ज्यादा मरीज

मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों राजधानी में डेंगू और स्वाइन फ्लू से कई गुना ज्यादा मरीज वायरल फीवर के हैं। इसकी वजह शहर के तापमान में बार-बार उतार-चढ़ाव होना है। इस वजह से वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में अगस्त की तुलना में सितंबर में बढ़ी थी।

50 प्रतिशत मरीज खुद से ले रहे दवा

अफसरों के मुताबिक बार-बार अलर्ट जारी करने के बाद भी सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित मरीज इसके इलाज को लेकर गंभीर नहीं हैं। राजधानी में वायरल फीवर से पीड़ित 50 प्रतिशत मरीज अस्पताल में इलाज कराने की जगह सेल्फ मेडिकेशन कर रहे हैं। इसी वजह से 3 दिन में ठीक होने वाला बुखार पांच दिन में जा रहा है।

इन घरेलू उपायों से मिलती है राहत :-

1. वायरल फीवर : वायरल होने से वाले शरीर में कुछ इस तरह के लक्षण दिखते हैं जैसे गले में दर्द, खांसी, सिर दर्द थकान, जोड़ों में दर्द के साथ ही उल्टी और दस्त होना, आंखों का लाल होना और माथे का बहुत तेज गर्म होना आदि।
वहीं बड़ों के साथ यह वायरल फीवर बच्चों में भी तेजी से फैलता है। इस संबंध में आयुर्वेदिक डॉक्टर राजकुमार का कहना है कि कुछ घरेलु उपायों को अपनाकर भी हम काफी हद तक अपना बचाव कर सकते हैं।

 

 

– हल्दी और सौंठ का पाउडर : अदरक में एंटी आक्सिडेंट गुण बुखार को ठीक करते हैं। एक चम्मच काली मिर्च का चूर्ण, एक छोटी चम्मच हल्दी का चूर्ण और एक चम्मच सौंठ यानी अदरक के पाउडर को एक कप पानी और हल्की सी चीनी डालकर गर्म कर लें। जब यह पानी उबलने के बाद आधा रह जाए तो इसे ठंडा करके पिएं। इससे वायरल फीवर से आराम मिलता है।

– तुलसी का इस्तेमाल : तुलसी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जिससे शरीर के अंदर के वायरस खत्म होते हैं। एक चम्मच लौंग के चूर्ण और दस से पंद्रह तुलसी के ताजे पत्तों को एक लीटर पानी में डालकर इतना उबालें जब तक यह सूखकर आधा न रह जाए। इसके बाद इसे छानें और ठंडा करके हर एक घंटे में पिएं। आपको वायरल से जल्द ही आराम मिलेगा।

 

– धनिया की चाय : धनिया सेहत का धनी होता है इसलिए यह वायरल बुखार जैसे कई रोगों को खत्म करता है। वायरल के बुखार को खत्म करने के लिए धनिया चाय बहुत ही असरदार औषधि का काम करती है।

– मैथी का पानी : आपके किचन में मैथी तो होती ही है। मैथी के दानों को एक कप में भरकर इसे रात भर के लिए भिगों लें और सुबह के समय इसे छानकर हर एक घंटे में पिएं। जल्द ही आराम मिलेगा।

– नींबू और शहद : नींबू का रस और शहद भी वायरल फीवर के असर को कम करते हैं। आप शहद और नींबू का रस का सेवन भी कर सकते हैं।

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