मरीजों की खासी तादाद बढ़ी
जिला अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या औसतन 800 से 900 होती है। दो दिनों में ये आकड़ा काफी बढ़ गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मरीजों की खासी तादाद बढ़ी है। कैंट डिस्पेंसरी में ही एक सैकड़ा से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंचे। इनमें सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की है। आरोन, बीनागंज, कुंभराज, राघौगढ़ और बमोरी में भी एक-एक सैकड़ा से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं।
एक बजे तक लगी रही कतार
जिला अस्पताल में डाक्टरों के अलावा काउंटर पर पर्चा बनवाने वालों की भी कतार लगी रही। सुबह 9 बजे से दोपहर 4 बजे तक 980 मरीजों ने पर्चे बनवाए। इनमें से 90 मरीज पुराने थे। इनमें कई मरीजों की तबियत इतनी अधिक खराब थी कि उनमें से 153 मरीजों को भर्ती करना पड़ा। इससे ओपीडी के अलावा वार्डों की व्यवस्था भी ठप हो गई। स्थिति यह है कि डाक्टरों के लिए भर्ती मरीज भी ओवरलोड हैं।
बीमारी के लक्षण
उच्च तापमान
मिचली आना
बदन दर्द
पेट में दर्द
भूख कम लगना
बरसात में वायरस
डा. अनिल विजयवर्गीय ने बताया कि बरसात में डिफरेंट टाइप के वायरस ज्यादा सक्रिय होते हैं। जुलाई से सितंबर तक का समय इस बीमारी की सक्रियता है। गर्मी एवं बरसात से उमस होने से बीमारी फैलती है। उनके मुताबिक बुखार होने पर किसी प्रशिक्षित चिकित्सक से इलाज कराएं, क्योंकि मस्तिष्क ज्वर, मलेरिया, डेंगू के रोगी भी बुखार पीडि़तों में शामिल हो सकते हैं। चिकित्सक की सलाह पर रक्त नमूनों की जांच करानी चाहिए।