scriptवाह रे आरोन का सिविल अस्पताल : जहां मरीजों को सुविधा नहीं सिर्फ परेशानी | Wah Ray Aaron's Civil Hospital: Where patients are not only facilities | Patrika News

वाह रे आरोन का सिविल अस्पताल : जहां मरीजों को सुविधा नहीं सिर्फ परेशानी

locationगुनाPublished: Sep 24, 2021 12:55:29 am

Submitted by:

praveen mishra

-न पलंग पर चादर और न ही मिलता है मरीजोंं को इलाज, ड्यूटी समय में डॉक्टर चलाते हैं घर पर अपना क्लीनिक-प्रवीण मिश्रा/सुनील शर्मा

वाह रे आरोन का सिविल अस्पताल : जहां मरीजों को सुविधा नहीं सिर्फ परेशानी

वाह रे आरोन का सिविल अस्पताल : जहां मरीजों को सुविधा नहीं सिर्फ परेशानी

गुना/आरोन। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश हैं कि शासकीय अस्पतालों में मरीजों को इलाज मिले, अच्छा भोजन मिले, लेकिन ऐसा गुना के जिला अस्पताल में ही नहीं तहसील स्तर पर भी नहीं हो रहा है। आरोन में कहने को सिविल अस्पताल है, लेकिन वहां हालत ये न मरीजों को इलाज मिलता है और न खाना। प्रसूति गृह में बगैर पैसे के कोई डिलेवरी नहीं होती है। ड्यूटी समय में डॉक्टर अपने चेम्बर की जगह अपने सरकारी आवास पर इलाज करते हुए मिले।
गुना से पत्रिका टीम गुरुवार को दोपहर पौने एक बजे करीब आरोन के सिविल अस्पताल पहुंची तो वहां महिला सफाई कर्मचारी सफाई करती हुई मिली। वार्ड में जाकर देखा तो वहां यह हालत थे कि मरीज तो भर्ती थे, लेकिन उनके पलंग टूटे हुए और बगैर चादर के मिले। इसके साथ ही कुछ मरीजों से इलाज मिलने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यहां न डॉक्टर देखते हैं और न कोई दवाई मिलती है। बीएमओ डा. श्रीकृष्ण सिंह और बाल रोग विशेषज्ञ महेश सिंह राजपूत का चेम्बर भी खाली मिला। नि: शुल्क दवा वितरण कक्ष भी बंद मिले। यहां लगे ऑक्सीजन प्लांट के लिए सिलेण्डर उतरते हुए देखे गए।
अस्पताल के पीछे पत्रिका टीम दोपहर एक बजे करीब पहुंची तो इस अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर महेश सिंह राजपूत के सरकारी आवास पर मरीजों की भीड़ दिखाई दी। इनके आवास के पास ही दूसरे शासकीय डॉक्टर पिप्पल के आवास पर देखा तो वहां भी मरीजों का इलाज होता हुआ मिला। इसके साथ ही दो-तीन मरीज वहां बैठे मिले। जब उन डॉक्टर से अस्पताल में न होकर आवास पर होने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि लंच हो गया है, उनसे कहा कि अभी तो एक बजा है, इसका वे जवाब नहीं दे पाए।

साहब बगैर पैसे के नहीं होती डिलेवरी
इस सिविल अस्पताल में प्रसूति गृह है। यहां मौजूद महिलाओं से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यहां तो पैसा नहीं दो तो डिलेवरी नहीं हो पाएगी। पैसा नहीं देने पर निजी चिकित्सालय या गुना जाने की स्टॉफ सलाह देता नजर आता है।
गंदगी का साम्राज्य
इस सिविल अस्पताल में गंदगी का तो ये आलम था कि अस्पताल के मुख्य द्वार पर बारिश का पानी भरा हुआ था। आवारा जानवरों का यहां जमाव दिखा। इसके साथ ही अस्पताल परिसर में कई जगह गंदगी देखने को मिली, कचरा भी रखा देखा गया।
खाना न मिलने की शिकायत की
आरोन के सिविल अस्पताल में दाखिल मरीजों से जब पत्रिका टीम ने खाना मिलने की बात पूछी तो कई ने खाना न मिलने की बात कही। जबकि दोनों समय मरीजों को 90 रुपए की डाइट दी जाती है। एक-दो मरीज अपने घर का खाना खाते हुए देखे गए।प्रसूति महिलाओं को प्रसव के बाद दी जाने वाली खाद्यान्न सामग्री भी नहीं दिए जाने की शिकायत की। न उनको लड्डू मिले और न केले।
ट्रेनिंग देने वाले बगैर मास्क के दिखे
इसी अस्पताल परिसर में कोरोना टीका के प्रशिक्षण के लिए आशा कार्यकर्ताओं को जागरूक किए जाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण देने वाले और प्रशिक्षण लेने वाले कोविड गाइड लाइन का पालन न करते हुए दिखाई दिए, न वहां सोशल डिस्टेंस दिखा और चेहरे पर मास्क।
इनका कहना है
– पलंग पर चादर धुलाई के लिए गए होंगे। खाना तो प्रतिदिन दिया जाता है, आपने बताया है कि खाना नहीं मिला है, इसको दिखवाते हैं। लंच डेढ़ बजे होता है, डॉक्टर अस्पताल में नहीं है, यह गंभीर मसला है, हम इसको दिखवाएंगे। सिविल अस्पताल की सफाई तो कराई जाती है।
डा. श्रीकृष्ण सिंह बीएमओ सिविल अस्पताल आरोन
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