साहब बगैर पैसे के नहीं होती डिलेवरी
इस सिविल अस्पताल में प्रसूति गृह है। यहां मौजूद महिलाओं से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यहां तो पैसा नहीं दो तो डिलेवरी नहीं हो पाएगी। पैसा नहीं देने पर निजी चिकित्सालय या गुना जाने की स्टॉफ सलाह देता नजर आता है।
गंदगी का साम्राज्य
इस सिविल अस्पताल में गंदगी का तो ये आलम था कि अस्पताल के मुख्य द्वार पर बारिश का पानी भरा हुआ था। आवारा जानवरों का यहां जमाव दिखा। इसके साथ ही अस्पताल परिसर में कई जगह गंदगी देखने को मिली, कचरा भी रखा देखा गया।
खाना न मिलने की शिकायत की
आरोन के सिविल अस्पताल में दाखिल मरीजों से जब पत्रिका टीम ने खाना मिलने की बात पूछी तो कई ने खाना न मिलने की बात कही। जबकि दोनों समय मरीजों को 90 रुपए की डाइट दी जाती है। एक-दो मरीज अपने घर का खाना खाते हुए देखे गए।प्रसूति महिलाओं को प्रसव के बाद दी जाने वाली खाद्यान्न सामग्री भी नहीं दिए जाने की शिकायत की। न उनको लड्डू मिले और न केले।
ट्रेनिंग देने वाले बगैर मास्क के दिखे
इसी अस्पताल परिसर में कोरोना टीका के प्रशिक्षण के लिए आशा कार्यकर्ताओं को जागरूक किए जाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण देने वाले और प्रशिक्षण लेने वाले कोविड गाइड लाइन का पालन न करते हुए दिखाई दिए, न वहां सोशल डिस्टेंस दिखा और चेहरे पर मास्क।
इनका कहना है
– पलंग पर चादर धुलाई के लिए गए होंगे। खाना तो प्रतिदिन दिया जाता है, आपने बताया है कि खाना नहीं मिला है, इसको दिखवाते हैं। लंच डेढ़ बजे होता है, डॉक्टर अस्पताल में नहीं है, यह गंभीर मसला है, हम इसको दिखवाएंगे। सिविल अस्पताल की सफाई तो कराई जाती है।
डा. श्रीकृष्ण सिंह बीएमओ सिविल अस्पताल आरोन