मारपीट करने वालों पर कार्रवाई नहीं की तो जान दे दूंगा: धीरज
धीरज सिंह ने बताया, पत्नी को छोडऩे आया था। पत्नी ने पानी मंगाया तो पानी भरने आ गया। रास्ते में टीसी ने रोक लिया। टिकट का पूछा तो मैंने कहा था कि मेरे पास नहीं है। टिकट पत्नी के पास है। मैं पानी देने जा रहा हूं। मैंने उनको यह भी कहा, कि मेरे रुपए रखने या रसीद काट दो, जुर्माना भरने तैयार था। लेकिन उन्होंने नहीं छोड़ा और मारपीट कर दी। मुझे सबसे के सामने बेइज्जत कर दिया है। मेरी इज्जत क्या रही। अगर मारपीट करने वाले टीसी और आरपीएफ वालों पर कार्रवाई नहीं की तो मैं इसी थाने में, स्टेशन के प्लेट फार्म पर पेट्रोल डालकर आग लगा लूंगा।
आरपीएफ जवान को मारा था चांटा
प्रभारी सीटीआई सौरभ शर्मा ने बताया, स्टेशन पर टीसी मोहन सिंह टिकट चैक कर रहे थे। इसी दौरान यात्री को बिना टिकट पकड़ा। न तो प्लेट फार्म टिकट था और न ही यात्रा का टिकट। पूछा तो बहस करने लगा। पास में ही आरपीएफ जवान था। वह आया और उसने कक्ष में चलने का कहा तो कहासुनी हो गई और उसने आरपीएफ जवान को चांटा कर दिया। आरपीएफ टीसी पर मामला डाल रही है। हमनें अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दे दी है।
लाइन आर्डर का मामला था जीआरपी को भेज दिया
आरपीएफ निरीक्षक बीएस राठौड़ ने बताया, मुझे ड्यूटी संत्री का फोन आया था कि टीसी से यात्री की कहासुनी और अभद्रता हुई है। इसके बाद मैंने सब इंस्पेक्टर और एएसआई को अटेंड करने भेजा। यात्री के साथ मारपीट की गई थी, किसने की यह पता नहीं। उसे थाने ले आए। मामला जानने की कोशिश की तो पता चला लाइन आर्डर का मामला था, तो जीआरपी को सौंप दिया है।
पांच घंटे चले आरोप-प्रत्यारोप, मामला दर्ज
घटना करीब ११ बजे की है, लेकिन पांच घंटे तक आरोप प्रत्यारोप चले। जीआरपी ने पीडि़त का मेडिकल कराया। धीरज की पत्नी भी रास्ते से लौट आई। उधर, जीआरपी पुलिस ने टीसी और आरपीएफ जवान के खिलाफ २९४, ३२३ और ३४ आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया है।