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नौकरी के नाम पर कहीं आप भी तो नहीं दे रहे लाखों रुपए

locationगुनाPublished: Oct 27, 2021 11:11:58 am

Submitted by:

Subodh Tripathi

युवाओं को नौकरी दिलाने कलेक्टर का पत्र

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गुना. कहीं आप भी नौकरी के नाम पर किसी को लाखों रुपए कि रिश्वत तो नहीं दे रहे हैं। क्योंकि ऐसे लोग न सिर्फ आपको ठगते हैं, बल्कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर दूसरों की नौकरी को भी खतरे में डालने से बाज नहीं आते हैं। ऐसा ही एक मामला गुना जिले से प्रकाश में आया है।
नौकरी के लिए कलेक्टर के नाम पत्र

भोले-भाले और अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग के युवाओंं को नौकरी के नाम पर ठगे जाने का मामला सामने आया है। सागर के एक व्यक्ति ने यहां आकर पहचान एक पत्रकार के रूप में की, इसके बाद अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लोगों को नौकरी के नाम पर जमकर ठगा। इनसे 50 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक लिए। नौकरी के लिए कलेक्टर कार्यालय के नाम से एक फर्जी पत्र तैयार किया। उस पर कलेक्टर फे्रंक नोबल के हस्ताक्षर किए और आयुक्त कार्यालय नगरीय प्रशासन और विकास संचनालय भोपाल को एक पत्र भेजा। नवगठित नगर पंचायत मधुसूदनगढ़ में युवा को रखे जाने की रखे जाने के लिए अनुमोदन की बात कही। कलेक्टर के पास पत्र पहुंचते ही हड़कंप सा मच गया है।
युवाओं को ठगने की रणनीति बनाई

मप्र शासन ने सीधी भर्ती अंतर्गत आरक्षण रोस्टर अनुसार वर्ग 3 व वर्ग 4 के पदों की भर्ती की अनुशंसा की थी। इसके तहत अलग-अलग विभागों में बेरोजगारों को रखे जाने थे। इसका लाभ लेने के लिए ठगों के साथ सागर से आया रमेश अहिरवार नामक युवक सक्रिय आया। उसने यहां युवाओं को ठगने की रणनीति बनाई अपने आपको पत्रकार बनकर यहां के अनुसूचित जाति के लोगों से नजदीकियां बढ़ाईं और उनको नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनके दस्तावेज लिए। नौकरी दिलाने के नाम पर 50 हजार से एक लाख रुपए तक वसूलने के लिए कलेक्टर के हुबहू हस्ताक्षर कर कलेक्टर कार्यालय के नाम से एक पत्र तैयार कराया, जिसको दिखाकर उसने युवाओं से अलग-अलग राशि एकत्रित की थी।
नियुक्ति पत्र मिल जाएंगे

रमेश की ठगी के शिकार युवाओं ने पत्रिका को बताया कि रमेश अहिरवार यहां शाम के एक अखबार में बतौर रिपोर्टर नौकरी करता था। उसने हमको नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। हम लोगों को कलेक्टर कार्यालय और कलेक्टर के हस्ताक्षर युक्त पत्र देकर हमसे कहा कि जल्द ही आपको नियुक्ति पत्र मिल जाएंगे। इसके बाद वह बायपास रोड भुल्लनपुरा में जिस मकान में रहता था, वहां से गायब हो गया। अब वह ढूंढ़े भी नहीं मिल रहा है। उनक कहना था कि इस पत्र को लेकर हम लोग कलेक्ट्रेट गए वहां कलेक्टर के स्टॉफ में शामिल लोगों को पत्र दिखाया तो उन्होंने इस पत्र को फर्जी बताया।
यह मामला गंभीर है, इस तरह का हमारे कार्यालय से कोई पत्र जारी नहीं हुआ है और न ही मेरे हस्ताक्षर है। संबंधित व्यक्ति की तलाश कर कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी।
फ्रेंक नोबल, कलेक्टर गुना

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