CWC की बैठक से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री का सोनिया और राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गांधी परिवार की लीडरशिप को चुनौती देने वालों का किया विरोध
कहा- सिर्फ गांधी परिवार ही पार्टी की खोई हुई शान की वापसी और देश की रक्षा कर सकता है’’

चंडीगढ़। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक (Congress Working Committee meeting) सोमवार को होने जा रही है। इससे पहले कांग्रेस के ने अनेक नेताओं ने नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है। इसके साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गांधी परिवार की लीडरशिप (leadership of Gandhi family) को चुनौती देने वाले पार्टी के ही कुछ नेताओं द्वारा चलाई गई मुहिम का विरोध किया है। उन्होंने कहा- यह समय ऐसे मामले उठाने का नहीं बल्कि भाजपा (BJP) के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार का कड़ा विरोध करने का है जिन्होंने देश के संविधान की आत्मा और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का दमन किया है।
कांग्रेस ही बचा सकती है देश
रविवार को जारी अपने बयान में कैप्टन ने कहा कि एन.डी.ए. की सफलता के पीछे का मुख्य कारण मजबूत और एकजुट विपक्ष की कमी है। कांग्रेस के इन नेताओं द्वारा इस नाजुक मोड़ पर पार्टी में बदलाव की माँग पार्टी और देश के हितों के लिए नुकसानदायक होगी। उन्होंने कहा कि भारत इस समय सिर्फ सरहद के सभी तरफ से बाहरी खतरों का ही सामना नहीं कर रहा बल्कि इसके संघीय ढांचे को भी अंदरूनी खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सिर्फ एकजुट कांग्रेस ही देश और देशवासियों को बचा सकती है।
सोनिया के बाद राहुल गांधी संभालें पार्टी की कमान
लीडरशिप बदलने की माँग को अस्वीकारणीय बताते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि गांधी परिवार का देश की तरक्की में ब्रिटिश राज के दौरान आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक अथाह योगदान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को एसी लीडरशिप की जरूरत है जो सिर्फ थोड़े से लोगों के लिए ही नहीं बल्कि सारी पार्टी और इसके नीचे से लेकर ऊपर तक सभी कैडर को देश के बड़े हितों में स्वीकार हो। उन्होंने कहा कि इस भूमिका में गांधी ही खरे उतरते हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जब तक चाहें तब तक कांग्रेस का नेतृत्व करें और उसके बाद राहुल गांधी कमान संभालें और वह पार्टी का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह समर्थ हैं।
पार्टी और देश हित की पहल करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में एक भी ऐसा गाँव नहीं जहाँ संविधान के सिद्धांतों, अधिकारों और आजादी को कायम रखने की विचारधारा को आगे ले जाने वाला कांग्रेसी सदस्य न हों। इसका श्रेय गांधी परिवार को जाता है जिनकी निःस्वार्थ प्रतिबद्धता, समर्पण की भावना और कल्पना से परे बलिदानों के बिना पार्टी भाजपा और इसकी देश को जाति और धर्म के नाम पर बाँटने की संघीय लालसाओं के सामने चट्टान की तरह खड़ा नहीं हो सकती थी। आज के समय में जब भारत की संवैधानिक शक्ति के सबसे बड़े आधार को खतरा बना हुआ है, इसलिए जरूरी है कि हर कांग्रेस कार्यकर्ता गांधी परिवार के पीछे पूरी दृढ़ता और एकसाथ खड़ा हो जिन्होंने पार्टी को दशकों तक इकट्ठा रखा है और आगे भी इकट्ठा रखेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में मौजूदा समय में ऐसा कोई नेता नहीं है जो पार्टी को इस तरह की मजबूत लीडरशिप दे सके। उन्होंने सभी से अपील की कि वह अपने निजी हितों की बजाय पार्टी और देश के हितों को पहल दें।
चुनावी हार लीडरशिप परिवर्तन का पैमाना नहीं
मुख्यमंत्री ने यह बात जोर देकर कही कि गांधी ही कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सर्व व्यापक मान्यता प्राप्त चेहरा हैं जिनकी पाँच पीढि़यों ने आजादी से पहले के समय से देश की सेवा की है। मोती लाल नेहरू, आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावी हार कभी भी लीडरशिप परिवर्तन का पैमाना नहीं होती। उन्होंने कहा कि इस समय कांग्रेस नीचे की ओर है, इसका मतलब यह नहीं कि गांधी परिवार के पार्टी को ऊपर उठाने के योगदान को भुला दिया जाये। भाजपा दो पार्लियामेंट सीटों से देश का नेतृत्व करने वाली पार्टी बनी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी फिर से उठेगी और यह सिर्फ गांधी की लीडरशिप में ही संभव होगा।
पूरे भारत को नुकसान होगा
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा हर कदम पार्टी को बाँटेगा या अस्थिर करेगा जो आधुनिक भारत का निर्माण करने वाले हमारे संस्थापक पिताओं के सिद्धांतों को कुचलने की कोशिश कर रही तानाशाही ताकतों को फायदा पहुंचाएगा। इन सिद्धांतों का तो पूरी दुनिया आज सत्कार करती है। उन्होंने कहा कि इन आदर्शों के खात्मे से न केवल कांग्रेस बल्कि पूरे भारत को नुक्सान होगा।
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