एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि समूची पुनर्गठन योजना के नतीजे के तौर पर सालाना 71 करोड़ रुपए की बचत होगी। जि़क्रयोग्य है कि जल स्रोत विभाग (पहले सिंचाई विभाग) की स्थापना 1849 में की गई थी। समय के साथ विभाग द्वारा किए गए कामों का दायरा डैम, नहरों और नालों के निर्माण से बदल कर इनके बुनियादी ढांचे के संचालन, प्रबंधन, देखभाल, मौजूदा सम्पतियों के सुधार और ख़ासकर भूजल की संभाल में बदल गया है।
जियोलॉजी विभाग को जल स्रोत विभाग में मिलाया
मंत्रिमंडल ने महसूस किया कि मौजूदा गतिशील वातावरण में विभाग में तकनीक आधारित कौशल को लागू करना समय की ज़रूरत है। इसके अलावा जल स्रोतों के प्रबंधन में आई तबदीली और इसके साथ सम्बन्धित नियमों के कारण विभाग का पुनर्गठन और पुनर्संचना करना ज़रूरी हो गया था। जल स्रोत विभाग और खनन और जियोलॉजी विभाग का अधिकार क्षेत्र एक सा होने के कारण जैसे कि नदी और नाले, इसके लिए विभागीय मशीनरी को असरदार ढंग से बरतने और जियोलॉजी विभाग को जल स्रोत विभाग में मिला दिया गया है।
मंत्रिमंडल ने महसूस किया कि मौजूदा गतिशील वातावरण में विभाग में तकनीक आधारित कौशल को लागू करना समय की ज़रूरत है। इसके अलावा जल स्रोतों के प्रबंधन में आई तबदीली और इसके साथ सम्बन्धित नियमों के कारण विभाग का पुनर्गठन और पुनर्संचना करना ज़रूरी हो गया था। जल स्रोत विभाग और खनन और जियोलॉजी विभाग का अधिकार क्षेत्र एक सा होने के कारण जैसे कि नदी और नाले, इसके लिए विभागीय मशीनरी को असरदार ढंग से बरतने और जियोलॉजी विभाग को जल स्रोत विभाग में मिला दिया गया है।
क्या होगा फायदा
पुनर्गठन के साथ ज़मीनी स्तर की ज़रूरतों के अनुसार प्लेसमेंट के द्वारा स्टाफ के सर्वोत्त्म प्रयोग में मदद मिलेगी। इसके साथ ही दफ्तरों में कागज़ रहित कामकाज, सेवाओं को ऑनलाइन करने, पुराने रिकॉर्डों की डिजीटलाईजेशन और कुशल कामकाज और योजनाबंदी के लिए प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) तैयार करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा इन-हाउस डिज़ाइन के उद्देश्यों और अन्य विभागों और संगठनों और स्टेट डैम सेफ्टी ऑर्गेनाइज़ेशन (एसडीएसओ) को बाहरी सलाह-परामर्श प्रदान करने के लिए, जो कि डैम के पुनर्स्थापन के लिए सी.डब्ल्यू.सी. के दिशा-निर्देशों के अनुसार ज़रूरी है, पुनर्गठन योजना की प्रमुख विशेषताएं हैं। इसके अलावा पुनर्गठन में बढ़ी हुई मुकदमेबाज़ी और मध्यस्थता मामलों के बेहतर ढंग से प्रबंधन और ऐसे मामलों और प्रोटोकोल के दस्तावेज़ीकरण को सुनिश्चित बनाने के साथ-साथ नवीनीकरण किए गए प्रशासनों में कार्यों के पुनर्वितरण को यकीनी बनाएगा।
पुनर्गठन के साथ ज़मीनी स्तर की ज़रूरतों के अनुसार प्लेसमेंट के द्वारा स्टाफ के सर्वोत्त्म प्रयोग में मदद मिलेगी। इसके साथ ही दफ्तरों में कागज़ रहित कामकाज, सेवाओं को ऑनलाइन करने, पुराने रिकॉर्डों की डिजीटलाईजेशन और कुशल कामकाज और योजनाबंदी के लिए प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) तैयार करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा इन-हाउस डिज़ाइन के उद्देश्यों और अन्य विभागों और संगठनों और स्टेट डैम सेफ्टी ऑर्गेनाइज़ेशन (एसडीएसओ) को बाहरी सलाह-परामर्श प्रदान करने के लिए, जो कि डैम के पुनर्स्थापन के लिए सी.डब्ल्यू.सी. के दिशा-निर्देशों के अनुसार ज़रूरी है, पुनर्गठन योजना की प्रमुख विशेषताएं हैं। इसके अलावा पुनर्गठन में बढ़ी हुई मुकदमेबाज़ी और मध्यस्थता मामलों के बेहतर ढंग से प्रबंधन और ऐसे मामलों और प्रोटोकोल के दस्तावेज़ीकरण को सुनिश्चित बनाने के साथ-साथ नवीनीकरण किए गए प्रशासनों में कार्यों के पुनर्वितरण को यकीनी बनाएगा।