पाकिस्तान का कहना है कि केवल सभी भारतीय नहीं, बल्कि केवल सिख ही श्री करतारपुर साहिब के दर्शन कर पाएंगे। पड़ोसी मुल्क ने विशेष वीजा और वीजा फीस का पैंतरा भी फेंका है। भारत चाहता है कि प्रतिदिन 5000 यात्री श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करें। उत्सव के दिनों जैसे बैसाखी, गुरुपूर्णिमा पर यात्रियों की संख्या 15000 तक रहे। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान से कहा कि एक परिवार या फिर एक ग्रुप चाहे जितनी संख्या का हो, उसको करतारपुर के दर्शन करने की अनुमति दी जाए। पाकिस्तान केवल 15 श्रद्धालुओं के समूह को ही अनुमति देने पर अड़ा है।
भारत कहता है कि कोई व्यक्ति चाहे गाड़ी से जाए या फिर पैदल। यह उसकी इच्छा के अनुसार होना चाहिए। इस पर पाकिस्तान का कहना है कि बॉर्डर के पार पैदल जाने की अनुमति नहीं होगी। श्रद्धालु सिर्फ गाड़ी से ही जा सकता है। श्री करतारपुर साहिब को महाराजा रणजीत सिंह और कुछ श्रद्धालुओं ने मिलकर 100 एकड़ जमीन दान दी थी। भारत का कहना है कि 100 एकड़ जमीन करतारपुर साहिब ट्रस्ट में रखी जाए। पाकिस्तान ने इसे भी नकार दिया है।