गुडगाँव

हरियाणा सरकार की बिजली योजनाओं के तहत खरीदी में हजारों करोड के घोटाले का आरोप

इंडियन नेशनल लोकदल के नेता और नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को पत्रकारवार्ता में यह मुद्या उठाया…

गुडगाँवSep 28, 2018 / 08:09 pm

Prateek

(गुरूग्राम/फरीदाबाद ): हरियाणा में विधानसभा और लोकसभा चुनावों की करीबी में प्रदेश की भाजपा सरकार की बिजली विभाग की योजनाओं के तहत की गई खरीद में हजारों करोड के घोटाले का आरोप लगाया गया है। यह आरोप मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल की ओर से लगाते हुए किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई है।

 

इंडियन नेशनल लोकदल के नेता और नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को पत्रकारवार्ता में यह मुद्या उठाया। उन्होंने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार की बिजली विभाग की तीन योजनाओं म्हारा गांव जगमग गांव,दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना और इन्टीग्रेटेड पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत की गई खरीद में हजारों करोड का घोटाला किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का दावा है कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए हाई पाॅवर परचेज कमेटी बनाई गई है। लेकिन बिजली विभाग की इन तीन योजनाओं के तहत की गई खरीद इस कमेटी की मंजूरी के बगैर की गई है। जबकि बीस लाख से अधिक की खरीद इस कमेटी की मंजूरी से की जाना चाहिए। इस खरीद में हजारों करोड का घोटाला किया गया है।

 

उन्होंने कहा कि इस खरीद के तहत ली गई जो केबल दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के सात जिलों में लगाई गई है वह गुणवत्ता के मानकों को पूरा नहीं करती है। केबल जगह-जगह टूट रही है। इसके नमूने गुणवत्ता जांच में नाकाम हो गए है। इसके बावजूद घटिया केबल देने वाली फर्मों से इस खरीद को नहीं रोका गया है। फर्मों को ब्लैक लिस्ट करने के बजाय ठेकेदारों के खिलाफ 42 करोड की वसूली तय की गई है। इन फर्मोंं से खरीद की सिफारिश करने वाले अफसरों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के तहत आने वाले दो अन्य जिलों गुरूग्राम व फरीदाबाद व उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम के तहत आने वाले जिलों में तो केबल की जांच ही नहीं कराई गई है। इन योजनाओं के तहत की गई खरीद के अलावा भी बिजली निगमों में हजारों करोड रूपए की अन्य खरीद भी की गई है। इस खरीद में भी घटिया सामान खरीदा गया है। समूची खरीद की गुणवत्ता जांच में बडा घोटाला सामने आएगा।

 

चौटाला ने कहा कि इसी तरह 253 करोड रूपए के मीटर पिलर घोटाले में मुख्यमंत्री ने जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए थे। इस आदेश के नाम पर सात अधिकारियों को निलंबित किया गया था लेकिन जल्दी बहाल कर वहीं नियुक्त कर दिया गया जहां कि वे निलंबन से पहले नियुक्त थे। उन्होंने कहा कि सोनीपत नगर निगम के काॅम्पलैक्स निर्माण में भी घोटाला किया गया है। यह काॅम्पलैक्स 6 करोड 62 लाख रूपए की लागत में बन जाना था लेकिन यह काम 12 करोड 8 लाख रूपए में पूरा किया गया। निर्माण लागत बढने का कारण यह रहा कि निर्माण सामग्री हरियाणा की सस्ती दरों पर खरीदने के बजाय दिल्ली से अधिक दरों पर की गई।

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