उधार के कमरों में चलता कार्यालय
फायरकर्मियों को 12 वर्ष बीत जाने के बाद स्थायी तौर पर आफिस व आवास नहीं मिले हैं। बीड़ीपीओ कार्यालय के एक जर्जर कमरे में खौफ के साए में फायर कर्मी रहने को मजबूर हैं। छत टपकती है, छत से प्लाटर गिरता है और बारिश में इस कमरे में सांप निकलते हैं। वर्ष 2009 में अग्रिशमन का कार्यालय खुलने के बाद सबसे पहले नबाब शमशुद्दीन पार्क में उसके बाद एसड़ीएम कार्यालय के पुराने भवन में तथा उसके बाद पूर्व बीड़ीपीओ कार्यालय में बने एक जर्जर कमरे में शिफ्ट कर दिया गया। एक ही कमरे में कर्मचारियों का कार्यालय और आवास दोनों हैं। कार्यालय में छह फायरकर्मी और तीन ड्राइवर हैं। सभी बेहद परेशान हैं।